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उत्तराखंड

शंभू नदी में का प्रवाह रुकने से कई गांव को था खतरा। SDRF और प्रशासन की संयुक्त के प्रयास से तटा तबाही का खतरा।

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बागेश्वर  -: उत्तराखंड के बागेश्वर की शंभू नदी में ड्रोन कैमरे में दिखे भूस्खलन के खतरे को देखते हुए कपकोट प्रशासन, सिंचाई विभाग और एस.डी.आर.एफ.की संयुक्त टीम ने नदी के प्रवाह को खोलकर क्षेत्र में आने वाली एक बड़ी आपदा की संभावना को खत्म कर दिया है ।
बागेश्वर जिले में कपकोट क्षेत्र के क्यारी गांव से बहने वाली शंभु नदी में पिछले दिनों वन विभाग के ड्रोन कैमरे में एक तस्वीर ने सभी के होश उड़ा दिए थे। जून के अंतिम सप्ताह में ड्रोन कैमरे में कैद तस्वीरों में शंभु नदी में पहाड़ी का मलुवा गिरने से नदी का प्रवाह रुक गया था। वह नदी झील में तब्दील हो गई,  जिससे शंभु नदी भयावह रूप से भरते जा रही थी। दुर्गम क्षेत्र की इस नदी से चमोली जिले के कई गांव को खतरा पैदा हो गया। इस घटना का प्रशासन ने तत्काल संज्ञान लिया और नदी के प्रवाह को खोलने की तैयारी शुरू कर दी। उच्च हिमालयी क्षेत्र में बहने वाली शंभू नदी के प्रवाह को बन्द करने वाले भूस्खलन के बाद झील के टूटने की स्थिति में चमोली के कर्णप्रयाग, नारायण बगड़, थराली, देवाल समेत नदी के किनारे बसे कई गांव को खतरा बन गया था।
मॉनसून के आने से ठीक पहले बन रही इस अस्थाई झील के टूटने से बागेश्वर और चमोली ज़िले को खतरा पैदा हो गया था । अब शंभू नदी किसी भी समय चमोली में बड़ी से बड़ी तबाही मचा सकती थी, जिसे देखते हुए जिला प्रशासन मुस्तैद हो गया। जिलाधिकारी के निर्देशों के बाद तहसील, सिंचाई विभाग और एस.डी.आर.एफ की संयुक्त टीमें जल भराव खोलने में जुट गई । टीम ने पांच दिनों की कड़ी मशक्कत के बाद नदी का प्रवाह दोबारा खोल दिया और आसपास के गांवों में नदी से आने वाली तबाही के खतरे को समाप्त कर दिया ।
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