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धर्म संसद’ में भड़काऊ भाषण देने के आरोप में धर्मगुरु यति नरसिंहानंद हुए गिरफ़्तार

Newsupdatebharat Uttarakhand Haridwar Report Jitendra
हरिद्वार  – हरिद्वार में हुई धर्म संसद में दिए गए विवादित बयानों के मामले में शनिवार को हरिद्वार पुलिस ने दूसरी गिरफ्तारी की,  पुलिस ने जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर और डासना पीठ के पीठाधीश्वर स्वामी नरसिंहानंद को गिरफ्तार किया है ,स्वामी नरसिंहानंद को सर्वानंद घाट से गिरफ्तार किया है जहां वे जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी की गिरफ्तारी के विरोध स्वरूप अन्न जल त्याग कर अनशन कर रहे थे और शनिवार को उन्होंने अपने अनशन को सत्याग्रह में तब्दील किया था।, देर रात को  पुलिस ने उनको गिरफ्तार किया। पुलिस स्वामी नरसिंहानंद को लेकर हरिद्वार कोतवाली पहुंची जहां उनके पीछे बड़ी संख्या में उनके समर्थक और धर्म संसद की कोर कमेटी के सदस्यगण कोतवाली पहुंच गए।
कोतवाली में समर्थकों द्वारा नरसिहांनद की गिरफ्तारी को लेकर हंगामा करना शुरू कर दिया गया। इसी दौरान कोतवाली पहुंची बिना नंबर प्लेट की एंबुलेंस से स्वामी नरसिंहानंद को हॉस्पिटल ले जाने का प्रयास पुलिस द्वारा किया जाने लगा जिस पर समर्थकों ने एंबुलेंस को घेरकर नारेबाजी और हंगामा करना शुरू कर दिया। समर्थक बिना नंबर प्लेट की एंबुलेंस को लेकर प्रश्न खड़ा कर रहे थे, समर्थकों के हंगामे को देखते हुए पुलिस ने लाठियां भांजकर समर्थकों को तितर-बितर किया और वहां से एंबुलेंस को चलता कर दिया और बाद में स्वामी नरसिंहानंद को पुलिस जीप में बैठाकर हरमिलाप मिशन चिकित्सालय ले जाया गया जहां मेडिकल के बाद उनको हॉस्पिटल में ही भर्ती कर दिया गया।
 नरसिंहानंद पिछले 3 दिन से अनशन पर बैठे हुए थे जिसके कारण उनको स्वास्थ्य संबंधी भी परेशानियां होनी शुरू हो गई थी, स्वामी नरसिंहानंद की गिरफ्तारी के बाद धर्म संसद के संयोजक स्वामी आनंद स्वरूप ने सत्याग्रह जारी रहने की घोषणा की है और गिरफ्तारी की निंदा की है और विरोध किया है और अखाड़ा परिषद अखाड़े के संतों से हिंदुओं के साथ सामने आने का आह्वन किया है ।
आपको बता दे कि हेट स्पीच मामले में पुलिस ने गुरुवार को जितेंद्र नारायण सिंह  त्यागी को उस समय गिरफ्तार कर लिया था वे जब नारसन बॉर्डर से हरिद्वार में प्रवेश करने का प्रयास कर रहे थे और उन को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया गया था आज उनकी जमानत याचिका पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में सुनवाई हुई जहां उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया,
हेट स्पीच मामले में जितेंद्र त्यागी जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी के अलावा स्वामी धर्मदास, साध्वी अन्नपूर्णा, सिंधु सागर महाराज और यदि नरसिंहानन्द के खिलाफ हरिद्वार कोतवाली में मुकदमा दर्ज है। पुलिस का कहना है कि नरसिहानन्द को उनके खिलाफ तीसरे मुकदमे जिसमें महिलाओं के खिलाफ टिपण्णी किये जाने का आरोप है में गिरफ्तार किया गया है ।
सीओ सिटी शेखर सुयाल का कहना है कि एक कोतवाली में जो मुकदमा था मुकदमे के अकॉर्डिंग मुकदमे में वे अभियुक्त थे उनको आज गिरफ्तार किया गया है यह जो यति नरसिंहानंद है उनकी गिरफ्तारी हुई है क्योंकि उन पर दो तीन मुकदमे चल रहे थे और उनका ऑफेंस रिपीट हो रहा था तो उस आधार पर, धारा मैंने आपको बता दी है मुकदमा जो है तीसरा मुकदमा था जिसमें महिलाओं के खिलाफ टिप्पणी थी उस आधार पर उनकी अरेस्टिंग हुई है।
धर्म संसद के संयोजक स्वामी आनंद स्वरूप का कहना है कि यति नरसिंहानंद जी हमारे नायक है लेकिन यह अच्छा है कि उन्होंने बहुत सारे लोगों को ट्रेंड कर दिया है और हम लोग यह सत्याग्रह जारी रखेंगे, सत्याग्रह चलता रहेगा, नियमों का पालन भी करेंगे, नियमों का पालन शुरू से करते आ रहे हैं, नियमों का पालन पहले भी कर रहे थे, नियमों का पालन अभी भी करते रहेंगे लेकिन सत्याग्रह चलता रहेगा, जिस प्रकार से सरकार ने हिंदू विरोधी और संत विरोधी अपना चेहरा दिखाया है और यह चुनाव  का बहाना है तमाम बड़ी शक्तियां इसमें लग गई हैं जो अपने आप को कमजोर महसूस कर रही हैं उनको लग रहा है कि हमारी दुकान न बंद हो जाए, दुकान बंद होने के खतरे वाले लोग सामने आ गए हैं, हमने मोर्चा खोला मुख्यमंत्री के खिलाफ तो हमारा नायक गिरफ्तार हो गया।
लेकिन यहां सब नायक है नायक हमने 21 बना रखें है उसमें कोई पीछे हटने वाला नहीं है गिरफ्तारी का हम विरोध करते हैं और यह अच्छी बात है नहीं है कि गिरफ्तार किया गया उन्होंने कोई ऐसा अपराध नहीं किया था अभी जिस अपराध में उन्हें गिरफ्तार किया वह निंदनीय था कोई महिला खोज कर लाये है और कहे कि हमारा अपमान किया हमको गाली दि, यति नरसिंहानंद महाराज सब का सम्मान करने वाले महात्मा है सबका  बहुत सम्मान करते हैं।
प्रतिकार सभा का रूप जो दिव्य था वही प्रतिकार सभा के माध्यम से हम प्रतिकार करने की बात पहले की है क्योंकि कोविड-19 गाइडलाइन आ गई थी तो हमने उस प्रतिकार सभा को सीमित किया था और कहा था कि अपने-अपने स्थल पर ही यज्ञ आदि करके प्रतिकार करने का कार्य कीजिए क्योंकि आप संतो के ऊपर मुकदमे दर्ज होने लगे हैं तो आम हिंदू का क्या हश्र होगा आप कल्पना कर सकते हैं।
स्वामी अमृतानंद सत्याग्रह स्थल पर है उनका सत्याग्रह चल रहा है केवल नरसिंहानंद जी को लाया गया है वह भी हेट स्पीच के मामले में नहीं लाया गया है, अखाड़े से मैं चाहूंगा कि यदि आप अपने महामंडलेश्वर को नहीं बचा पाए तो आगे क्या होगा आप सोच सकते हैं जूना अखाड़े के लोगों को नहीं सबको समस्त अखाड़े के लोगों का यह समय है संतों का समय है अगर संत संतों के लिए आगे नहीं आया तो फिर कोई आंदोलन आप खड़ा नहीं कर पाओगे ऐसे ही सरकारें और ब्यूरोक्रेसी आपका दमन करती रहेगी और आप उसको झेलते रहोगे,  मैं चाहूंगा कि अखाड़ा परिषद को खुले मैदान में आना चाहिए अखाड़ा परिषद तो हर मुद्दे पर साइलेंट रहता है जो आता है चाहता है रौंद करके करके चला जाता है यह कम से कम 50 संतों का समूह है जो पहली बार जिंदा हुआ है खड़ा हुआ है हिंदू धर्म के लिए, को लेकर के और यह सत्याग्रह चलता रहेगा अनंत काल तक चलेगा जब तक कि भारत हिंदू राष्ट्र नहीं हो जाता है।
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