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उत्तराखंड

कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने एक पीड़ित को 17 साल बाद उसकी जमीन वापस दिलाई। फरियादी ने किया धन्यवाद।

हल्द्वानी में कुमाऊँ कमिश्नर दीपक रावत ने आज कैम्प ऑफिस में लोगों की जन समस्या सुनी, जिसमे जमीनी विवाद, अतिक्रमण से जुड़े और कोटाबाग में सरकारी हॉस्पिटल में महिला की डिलीवरी के बाद बच्चे की मौत समेत कई अन्य मामले सामने आए, इस दौरान कमिश्नर दीपक रावत एक पीड़ित 17 साल के बाद जमीन वापस दिलाई है, जिस पर पीड़ित हरीश चंद्र पांडेय और उसके परिवार ने कमिश्नर दीपक रावत का धन्यवाद भी किया,
पत्रकारों से बातचीत करते हुए कमिश्नर दीपक रावत ने कहा बागेश्वर के रहने वाले पीड़ित हरीश चंद्र पांडेय ने अपने पुत्र गणेश पांडेय के नाम से 2006 में जयदेवपुर में एक जमीन खरीदी थी, जो उनको मौके पर नहीं मिल पा रही थी, ऐसे में कमिश्नर दीपक रावत द्वारा तहसीलदार हल्द्वानी सचिन कुमार को निर्देश दिए गए थे कि पीड़ित व्यक्ति की जमीन को खोजा जाये, मामले की गम्भीरता को देखते हुए तहसीलदार सचिन कुमार के आदेश पर पटवारी ने मौके पर पहुँचकर पीड़ित की जमीन को मौके पर खसरा संख्या और रजिस्ट्री चेक की, जहाँ पर पीड़ित की जमीन मौके पर पाई गई,
आज पीड़ित अपने परिवार के साथ कमिश्नर दीपक रावत के जनता दरबार पहुंचा और 17 साल बाद अपनी जमीन मिलने पर कमिश्नर दीपक रावत का धन्यवाद अदा किया।
 कमिश्नर दीपक रावत ने लोगों से अपील की है कि वह जमीन खरीदने से पहले पूरी तरह से यह जांच कर लें कि, उनकी जमीन किसी और व्यक्ति ने पहले खरीदी है या नहीं या उसमें कोई विवाद है या नहीं पूरी जांच  करने के बाद ही वह जमीन की खरीदारी करें,
वहीं उन्होंने कहा कोटाबाग में महिला की डिलीवरी के बाद बच्चे की मौत का मामला बेहद गंभीर है, जिसकी जांच की जा रही है और जो भी दोषी डॉक्टर है उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
कमिश्नर दीपक रावत ने कहा मुख्यमंत्री द्वारा यह निर्देश है कि जनता दरबार लगाकर जिले में डीएम और मंडल में कमिश्नर जनता की समस्या को सुने इसी क्रम में वह लगातार जनता दरबार लगाकार जन समस्या को सुनते हैं।
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