उत्तराखंड
विश्व हाथी दिवस पर स्पेशल रिपोर्ट जाने किस वजह से मनाया जाता है यह दिवस। नैनीताल में कहां कितने हाथी हैं। और किस प्रकार से की जाती है इनकी देखरेख / बस एक क्लिक पर पूरी खबर।
Newsupdatebharat Uttarakhand Ramnagar Report Sanjay Singh karakoti/ Seema Nath
रामनगर – संपूर्ण विश्व में 12 अगस्त को हाथी दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को पहली बार 12 अगस्त, 2012 को एशियाई और अफ्रीकी हाथियों की दुर्दशा के सम्बन्ध में जागरूकता और उनके संरक्षण के उद्देश्य से इस दिवस को लॉन्च किया गया था। तब से हर वर्ष आज के ही दिन विश्व हाथी दिवस मनाया जाता हैं।
इसी तरह हर साल कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में भी विश्व हाथी दिवस पर हाथियों के संरक्षण के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
आपको बता दें की हाथियों के संरक्षण में जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क एक अहम भूमिका अदा कर रहा है। कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में हाथियों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही हैं। हाथियों की संख्या के आकलन की बात करें तो जिम कॉर्बेट पार्क में 2010 में हाथियों की संख्या 979 2015 में 1035 थी। वही 2019-20 की जनगणना में कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में कुल 1223 हाथी दिखाई दिए। साथ ही हाथियों की मौत के आंकड़ों की बात करे तो पिछले 3 सालों में कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में 15 हाथियों की मौत हुई है। जिनमें से 11 हाथी आपसी संघर्ष में व चार हाथियों की मौत बीमारी व दुर्घटना में हुई। कॉर्बेट प्रशासन के अनुसार कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के इन सभी जोनों में हाथियों की संख्या इतनी हैं। जिसमे
ढिकाला क्षेत्र में 244
बिजरानी क्षेत्र में 121
सर्पदुली क्षेत्र में 195
मनदाल क्षेत्र में 26
मैदावन क्षेत्र में 21
झिरना क्षेत्र में 152
कालागढ़ क्षेत्र में234
सोनानदी क्षेत्र में 24
अदनाला क्षेत्र में 54
पाखरो क्षेत्र में 31
पलैंन क्षेत्र में56
ढेला क्षेत्र में 65 हाथी रिकॉर्ड किए गए।
इस तरह कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में वर्तमान में कुल 1223 हाथी मौजूद हैं।
वन्य जीव प्रेमी संजय छिम्वाल कहते हैं कि हाथी हमारा हेरिटेज से जुड़ा हुआ जानवर है। जिसको नेशनल से हेरिटेज का दर्जा भी मिला हुआ है। संजय छिम्वाल कहते है कि वैसे तो हाथी पर संकट नहीं है, लेकिन इनके पर्यावास की वजह से इनके ऊपर संकट है। उन्होंने कहा कि हाथी के प्रति लोगो में जागरूकता व उसके पर्यावास के संरक्षण के लिए विश्व हाथी दिवस मनाया जाता है।
संजय छिम्वाल का कहना हैं कि हाथियों का सरंक्षण बहुत महत्वपूर्ण हैं क्योंकि हाथियों को जंगल में लॉट ऑफ द फारेस्ट का दर्जा दिया गया है। साथ ही यह पेड़ो का संवर्धन भी करते है। इसलिए हाथियों का संरक्षण बेहद जरूरी है। उन्होंने बताया पिछले कुछ वर्षों से हाथियों की गणना में लगातार वृद्धि हुई हैं। संजय छिम्वाल कहते हैं कि यह उसके संरक्षण के प्रयासों का ही नतीजा है कि कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में लगातार हाथियों की संख्या बढ़ रही है।
वही कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक राहुल कुमार ने कहा कि विश्व हाथी दिवस हर साल 2012 से लगातार मनाया जा रहा है। हाथियों के संरक्षण के लिए लोगों में जागरूकता लाने के लिए भारत सरकार की ओर से यह कार्यक्रम हर वर्ष चलाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि हाथियों के संरक्षण के लिए हमारी तरफ से लगातार जागरूकता कार्यक्रम किए जाते हैं। राहुल कुमार ने बताया कि कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में अभी कुल 1223 हाथी देखे गए हैं।