उत्तराखंड
दक्षेश्वर महादेव मंदिर में सावन के सोमवार को जलाभिषेक करने से मनोकामना पूरी होती है। भक्त सावन के सोमवार का बेसब्री से इंतजार करते है।
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Haridwar Report Jitendra kori
हरिद्वार – उत्तराखंड में कोरोना वाइरस के संक्रमण महामारी और तीसरी लहर की आशंका के कारण कावड़ यात्रा को प्रतिबंधित किया गया है। और ऐसे में आज सावन का सोमवार है यानि शिव की भक्ति का सबसे अच्छा दिन और शिव का प्रिय दिन। मान्यता है कि भगवान शिव को सोमवार का दिन सबसे ज्यादा प्रिय होता है इसलिए इस दिन शिव की भक्ति और उनका जलाभिषेक करने पर शिव की अपार कृपा मिलती है। और चूकि भगवान शिव सावन के पूरे महीने अपने ससुराल कनखल स्थित दक्षेश्वर महादेव में ही निवास करते हैं और यही से सृष्टि का संचालन और लोगो का कल्याण करते है ऐसे में सावन में भगवान शंकर का जलाभिषेक किया जाए तो वे प्रसन्न होते है और वे सभी मुरादे पूरी करते है ।
हरिद्वार के दक्षेश्वर प्रजापति महादेव समेत अन्य शिव मंदिरों में भी भोले के भक्त शिव का जलाभिषेक करने के लिए उमड़े हुए है और भोले का जलाभिषेक कर रहे है जबकि भगवान शिव के ससुराल कनखल के दक्षेश्वर महादेव मंदिर में तो सुबह से मंदिर खुलने के साथ ही श्रद्धालुयों की लम्बी लाइन लग गयी है और वे भोलेनाथ को जल अर्पित कर मनोकामना मांग रहे है।
कावड़ यात्रा पर प्रतिबंध लगने के चलते मंदिर में कावड़िये नहीं है केवल स्थानीय लोग ही मंदिर में पहुंच रहे है ।
वहीं दक्षेश्वर महादेव मंदिर के मुख्य पुजारी स्वामी विशेश्वर पुरी का कहना है कि दक्ष भगवान शिव का ससुराल है और भगवान शिव के लिए सबसे प्रिय वस्तु ही गंगा जल, गंगा भगवान शिव के मस्तक पर विराजमान है इसलिए भगवान शिव को सबसे ज्यादा प्रिय गंगा जल है और सावन के महीने में लोग अपनी श्रद्धानुसार भगवान शिव को गंगा जल अर्पित करते है। सावन के महीने में भगवान शिव यही रहते है भगवान शिव ने अपने ससुर को और सभी देवी देवताओं को यह वरदान दिया था कि श्रावण के महीने ने मैं सती की कमी की पूर्ति के लिए कनखल में ही निवास करूंगा और राजा दक्ष के ही नाम से जाना जाऊंगा, इसलिए उनका नाम है दक्षेश्वर, दक्ष के ईश्वर, इसलिए इस स्थान का सावन के महीने में बहुत ज्यादा महत्व है।
शिव भक्तों को सावन महीने का इंतजार रहता है। लोग सुबह सुबह ही निकल पड़ते है शिव मंदिरों में शिव का जलाभिषेक करने के लिए। माना जाता है कि शिव भोले है, जो कोई भी सच्चे मन से उनकी पूजा करता है वह उसकी मन चाही मुरादें पूरी करते हैं। कनखल में शिव का ससुराल है। दक्षेश्वर महादेव मंदिर में सावन के सोमवार को जलाभिषेक करने से मनोकामना पूरी होती है। भक्त मानते है कि सावन के माह में भगवान शिव कनखल में ही विराजते हैं और उनसे जो मांगों वे उसे पूरा करते है ।