उत्तराखंड
लांस नायक शहीद चंद्रशेखर हर्बोला का पार्थिव शरीर पहुंचा हल्द्वानी, CM धामी ने अर्पित किये श्रद्धा सुमन, उमड़ा जन सैलाब, शहीद हर्बोला अमर रहें के जयकारों से गूंजा हल्द्वानी, दोनों बेटियों ने दी मुखाग्नि।
हल्द्वानी – हल्द्वानी में शहीद चंद्रशेखर हरबोला का पार्थिव शरीर उनके पारिवारिक निवास स्थान पर जब पहुंचा जहां पहले से हजारों की संख्या में लोग मौजूद थे भारत माता के जयकारों से गूंज उठा था इलाका, सेना के अधिकारियों के अलावा प्रशासनिक अधिकारियों ने भी श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शहीद लांसनायक चंद्रशेखर हर्बोला को श्रद्धांजलि अर्पित की, और शहीद चंद्रशेखर की वीरांगना पत्नी को ढांढस बंधाया, कैबिनेट के कई मंत्री विधेयकों के अलावा गणमान्य लोगों ने शहीद चंद्रशेखर को श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
सियाचिन में ऑपरेशन मेघदूत के दौरान आए एवलॉन्च में शहीद हुए लांस नायक चंद्रशेखर हर्बोला का पार्थिव शरीर उनके घर पर पहुंच गया है। पार्थिव शरीर के घर पर पहुंचते ही पूरा माहौल गमगीन सा हो गया, शहीद चंद्रशेखर हर्बोला की पत्नी शांति देवी अपने पति के पार्थिव शरीर को देखकर रो पड़ी और उस समय का माहौल पूरी तरह से भावुक हो गया, वहां मौजूद तमाम लोगों की आंखों में गम के आंसू तो शहीद की शहादत पर गर्व देखने को मिला।
29 मई 1984 को सियाचिन में ऑपरेशन मेघदूत के दौरान लांसनायक चंद्रशेखर हरबोला एवलॉंच में शहीद हो गए थे और 38 साल बाद सेना ने उनके पार्थिव शरीर को खोज निकाला है और आज उनके आवास पर सेना जब पार्थिव शरीर लेकर पहुंची। तो वहां मौजूद हजारों की संख्या में लोगों ने शहीद चंद्रशेखर तेरा यह बलिदान याद रखेगा हिंदुस्तान के नाम से गुंजायमान हुआ।
शासन-प्रशासन के अधिकारियों, नेतागण और हजारों की संख्या में लोग शहीद जवान को श्रद्धांजलि देने के लिए आए। जिसके बाद उनके पार्थिव शरीर को स्थित चित्रशिला घाट के लिए लेकर जाया गया, वहां पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनके पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार किया गया, चंद्रशेखर हर्बोला के पार्थिव शरीर को उनकी दोनों बेटियों ने नम आंखों से मुखाग्नि दी इस दौरान उनके पार्थिव शरीर को सेना द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया, अंतिम संस्कार के दौरान प्रशासन के साथ में सेना के अफसर मौजूद रहे।
शहीद की दो पुत्रियां हैं और उनकी धर्मपत्नी शांति देवी इन दिनों हल्द्वानी की नई आईटीआई रोड धान मिल, स्थित चौराह सरस्वती विहार, डहरिया में रहती हैं।