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उत्तराखंड

चन्दन हत्याकांड मामला- पत्नी ने रचा अपने पति की हत्या का खेल।

भीमताल/ ओखलकांडा : आखिरकार चंदन हत्याकांड का खुलासा पुलिस ने कर दिया। विगत 29 मई को चन्दन सिंह गोनिया, पुत्र शिवराज सिंह गोनिया, निवासी- ग्राम गौनियारो पट्टी पदमपुर की पत्नी यशवन्ती अपने मायके अमजड गई थी। इसके बाद 31 मई को यशवन्ती द्वारा चन्दन को फोन कर अमजड बुलाया। 1 जून को मृतक के साले दिनेश द्वारा चन्दन को फोन कर डुंगरी बैण्ड मे रुक जाने व उसे खुद गाड़ी लेकर लेने के लिए आने की सूचना दी। जिस पर चन्दन अपने घर गौनियारों से अपने ससुराल अमजड़ को आया जो सायंकालीन पतलोट से पैदल-पैदल अमजड़ को आया तथा रास्ते में ही ग्राम डुंगरी से लापता हो गया।
इस दौरान परिजनों द्वारा काफी तलाश करने पर जब वह नहीं मिला तो घटना के कुछ दिनों बाद गुमशुदा चन्दन का शव 6 जून को डुंगरी धार के नीचे जंगल से बरामद हुआ।
जिसके बाद मृतक चन्दन के भाई सुरेश गोनिया द्वारा घटना के सम्बन्ध में थाना मुक्तेश्वर में मुकदमा दर्ज कराया। मृतक के ससुराल पक्ष पर चन्दन की हत्या किये जाने का शक व्यक्त किया जा रहा था। शक के आधार पर गठित नैनीताल पुलिस टीम द्वार 27 जुलाई को मृतक की पत्नी यशवन्ती, साला दिनेश रावत व मृतक की पत्नी का जीजा नरेन्द्र मेवाड़ी का पॉलीग्राम टेस्ट कराया गया।
घटनास्थल दूरस्थ राजस्व क्षेत्र होने व उचित संसाधन न होने के कारण एसएसपी नैनीताल द्वारा क्षेत्राधिकारी भवाली प्रमोद शाह के नेतृत्व में हत्याकाण्ड के अनावरण के लिए एक SIT टीम का गठन किया गया साथ ही जिले SOG को भी प्रकरण के अनावरण हेतु लगाया गया।
कई दिन तक घटनास्थल के पास कैम्प किया गया SIT टीम व SOG द्वारा गांव-गांव जाकर लगभग 250 से अधिक लोगों से घटना के सम्बन्ध मे पूछताछ की गयी। पूछताछ के दौरान आरोपी पक्ष के कथन बार-बार बदलते दिखे तथा शक उत्पन्न हुआ कि 29 मई को रामलीला देखने आई यशवन्ती ने 01 जून को ही चन्दन को क्यों बुला लिया। प्रकाश में आया कि यशवन्ती व चन्दन का विवाह लगभग 03 वर्ष पूर्व हुआ था दोनो में कुछ बातो को लेकर दाम्पत्य जीवन ठीक नहीं चल रहा था और यशवन्ती अपने पति चन्दन से मुक्त होना चाहती थी। इसके लिये यशवन्ती ने दिनेश रावत को अपनी बहन होने का वास्ता दिया तथा कहा कि आज मैने चन्दन को बुला रखा है तुम उसे मार दो नहीं तो मैं मर जाऊंगी।
01 जून को अमजड गांव में पूजा थी तो गांव के अधिकांश लोग पूजा मे देवीधुरा गये थे तथा दिनेश व कमल भी देवीधुरा मे गये थे। दिनेश ने कमल को अपनी बहन का दर्द सुनाया जिस पर कमल रावत उसकी मदद को तैयार हो गया जिस पर योजना बनाकर दिनेश ने अपने साथी कमल रावत के फोन से चन्दन को फोन किया तथा डुंगरी बैण्ड में ही रूकने को कहा तथा कहा कि डुंगरी से ही खा पीकर आयेंगे तथा शाम को रामलीला से दिनेश और कमल चुपचाप कमल की गाड़ी लेकर डुंगरी बैण्ड पहुंच गये तथा चन्दन से हरेन्द्र को फोन करवाकर इस बात का विश्वास दिलवा दिया कि वह गांव पहुंच गया है उसे लेने आने की आवश्याकता नहीं है। इसी दौरान हत्यारों ने मिलकर घटनास्थल पर चंदन को पत्थरों से मारकर हत्या कर दी तथा उसका शव नीचे जंगल में फेंक दिया तथा लोगो की नजरो मे बने रहने के लिये दोनो चुपचाप रामलीला में आ गये।
कई चरणों की पूछताछ व अभियुक्तगणों के लगातार बदलते बयानों व पॉलीग्राफ टेस्ट के आधार पर दिनेश रावत व कमल तथा यशवन्ती ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है। जिन्हें चन्दन की हत्या किये जाने के सम्बन्ध में गिरफ्तार किया गया है।
हत्याकांड में कमल सिंह रावत पुत्र चेत सिह रावत निवासी ग्राम अमजड़ पट्टी पदमपुर तह) धारी जिला नैनीताल उम्र 25 वर्ष, दिनेश सिंह रावत पुत्र चन्दन सिंह रावत निवासी ग्राम अमजड़ पट्टी पदमपुर तह) धारी जिला नैनीताल उम्र-22 वर्ष, यशवन्ती देवी पत्नी स्व चन्दन सिंह गोनिया पुत्री चन्दन सिंह रावत निवासी ग्राम अमजड़ पट्टी पदमपुर तहसील-धारी जिला नैनीताल उम्र 21 वर्ष को गिरफ़्तार किया गया है।
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