उत्तराखंड
महेंद्र सिंह धामी का पार्थिव शरीर चार दिन बाद पहुंचा सड़क मार्ग से जिला मुख्यालय स्थित उनके आवास।
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पिथौरागढ़ – शहीद हवलदार महेंद्र सिंह धामी का पार्थिव शरीर सड़क मार्ग से जिला मुख्यालय स्थित उनके आवास पर चार दिन बाद पहुंचा, इस मौके पर पूर्व सैनिक संगठन द्वारा उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
इस दौरान पूर्व सैनिक संगठन ने कहा कि पिथौरागढ़ जिला दूसरे नंबर पर आता है, जो सैन्य बाहुल्य क्षेत्र है और हर क्षेत्र पर देश के लिए शहादत का दर्जा इसी जिले को है लेकिन सरकार की उपेक्षा के कारण किसी जवान के बॉर्डर पर शहीद या ड्यूटी के दौरान तमाम कारणों से जान गंवाने पर जिले तक उसका पार्थिव शरीर पहुंचने में शहीद के परिवार जनों को कई दिनों का इंतजार करना पड़ता है, जो कि बहुत दुखद होता है।
सरकार व सेना द्वारा इस सीमांत क्षेत्र को नजरअंदाज किया जाना बेहद दुखद है अगर ऐसे समय पर विमान सेवा के माध्यम से शहीद के पार्थिव शरीर को पहुंचाया जाए तो शहीद को यह भी श्रद्धांजलि होगी ऐसी शहादत को लेकिन यहां पर हवाई सेवा ना हो पाना इस क्षेत्र के लिए एक दुख का विषय है।
पूर्व सैनिक संगठन ने कहा कि उन्होंने कि हम सरकार और सेना से इस दुखद पहलू के बारे में पूछते हैं, जहां पर हवाई सेवा के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च करने के बावजूद भी ऐसे समय पर भी इस सीमांत क्षेत्र को केवल हताशा ही मिलती है, इस समय भी शहीद के पार्थिव शरीर को हवाई सेवा नहीं मिलती।
इसके साथ ही सेना में जाने के लिए कई माह पूर्व फिजिकल तथा मेडिकल परीक्षा पास कर चुके अभ्यर्थियों का अभी तक रिटर्न टेस्ट ना हो पाना नौजवानों में भी एक हताशा को दिखाता है इस पर पूर्व सैनिक संगठन द्वारा भी कई बार शासन प्रशासन को पत्र के माध्यम से अवगत कराया जा चुका है लेकिन इस पर भी कोई सुनवाई अभी तक नहीं हो पाई है।
1- पूर्व सैनिक संगठन ने सेना, शासन तथा प्रशासन से अपील करता है कि वह ऐसे नियम को सुनिश्चित करें ताकि सेना में ड्यूटी के दौरान जान गवाने वाले ऐसे सीमांत क्षेत्र के किसी भी सैनिक के पार्थिव शरीर को जल्द से जल्द हवाई मार्ग से उनके घर तक पहुंचाया जाए ।
2- सेना भर्ती में फिजिकल और मेडिकल पास किए हुए युवाओं का जल्द रिटन टेस्ट होना सुनिश्चित किया जाए।
अगर आगामी कुछ दिनों पर इन मामलों पर सेना, सरकार और प्रशासन द्वारा कोई ठोस कदम न उठाए जाने की अवस्था में पूर्व सैनिक संगठन ने आगामी 26 जनवरी, गणतंत्र दिवस को न मानते हुए वर्तमान आचार संहिता के नियमों का पालन करते हुए अपना विरोध प्रदर्शन करेंगे।