उत्तराखंड
गुलदार ने 13 वर्षीय बालक को बनाया अपना निवाला, परिजनो में मचा कोहराम, ग्रामीणों में वन विभाग के प्रति भारी आक्रोश
उत्तराखंड में मानव वन्यजीव संघर्ष रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं यही वजह है कि आए दिन पहाड़ के किसी न किसी कोने में जंगली जानवरों का कोई न कोई शिकार हो रहा है। पिछले दो-तीन सालों से पर्वतीय इलाकों में बाघ और गुलदार दर्जनों लोगों को अपना निवाला बना चुके हैं, खासकर मासूम बच्चे इन जानवरों के शिकार बने हैं अब तक मानव वन्यजीव संघर्ष रोकने के लिए वन विभाग सिर्फ किताबी ज्ञान और खानापूर्ति करता आया है। यही वजह है कि इन घटनाओं में रोक लगने के बजाय मानव वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं बढ़ी हैं और इसका खामियाजा मासूम लोगों को उठाना पड़ रहा है। ऐसी ही खबर इस बार टिहरी गढ़वाल से आई है जहां एक बार फिर 13 वर्षीय मासूम को गुलदार ने अपना निवाला बना डाला।
उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल जिले से दुखद खबर सामने आ रही है यहां टिहरी में भिलंगना ब्लॉक के बाल गंगा क्षेत्र के अन्तर्गत रविवार की रात गुलदार ने 13 साल के एक किशोर को निवाला बना लिया। देर रात दो बजे किशोर का शव जंगल से बरामद किया गया। घटना से मृतक के परिजनों में कोहराम मच गया है वहीं गांव में दहशत व्याप्त है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक बीती देर शाम मयकोट गांव में दोस्तों के साथ खेलने के बाद घर लौट रहे 13 वर्षीय अरनव चंद पुत्र रणवीर चंद ग्राम मयकोट निवासी को गुलदार उठा कर ले गया।
रात को जब अरनव घर नहीं पहुंचा तो उसकी तलाश की गई। अंधेरा होने के कारण वन विभाग व राजस्व विभाग के संयुक्त सर्च ऑप्रेशन के बाद रात दो बजे मृतक बालक का शव घर से एक किमी दूर जंगल में झाड़ियों से बरामद किया है। घटना के बाद से ग्रामीणों में वन विभाग के प्रति भारी आक्रोश है, ग्रामीणों ने गुलदार के आंतक से निजात दिलाने की मांग की है ।