उत्तराखंड
जिलाधिकारी वंदना सिंह ने नैनीताल जिले में विभिन्न जगहों में में गौशाला हेतु चिन्हित भूमि पर डीपीआर निर्माण की प्रगति की समीक्षा।
जिलाधिकारी वन्दना की अध्यक्षता में सोमवार को जनपद में गठित पशु क्रूरता निवारण समिति की समीक्षा बैठक कलैक्ट्रेट नैनीताल में सम्पन्न हुई।
बैठक में गोवंश संरक्षण अधिनियम, पशु कल्याण बोर्ड में पंजीकरण, पशुक्रूरता के मामलो के अलावा तहसील स्तर पर आवश्यकतानुसार गौशाला निर्माण हेतु भूमि चयनित के साथ ही गोवंश उनको बेहतर आश्रय देने, पशु क्रूरता पर विस्तृत रूप से समीक्षा की गई।
बैठक में मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा0 बीएस जंगपांगी ने बताया कि जनपद में वर्तमान में निराश्रित गोवंश हेतु 8 गौशालाओं है जिनमे 02 पंजीकृत 06 अपंजीकृत गौशाला संचालित है जिनमे वर्तमान में 1414 गोवंशीय पशुओ रखे गये है तथा गौशाला सहायता अनुदान पशु कल्याण बोर्ड के माध्यम से कुल 262.88 लाख की धनराशि प्रथम किस्त के रूप मे प्राप्त हुई है जिन्हें संबंधित गौशालाओं को आवंटित कर दी जाएगी। इसके अलावा उन्होंने विभागीय गतिविधियों के सम्बन्ध से डीएम को विस्तार से अवगत कराया।
जिलाधिकारी ने मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में संबंधित डॉक्टरों का भ्रमण रोस्टर तैयार करते हुए अभियान के तहत गोवंश का पंजीकरण करते हुए डेटा उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।
इसके अलावा अपने-अपने क्षेत्रान्तर्गत भ्रमण के दौरान कैंप लगाकर पशुओं का स्वास्थ्य परीक्षण भी करें तथा लोगों को पशुओ से संबंधित विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की समय-समय पर जानकारी देना सुनिश्चित करें साथ ही पशु क्रूरता की घटनाओं से संबंधित रिपोर्ट पुलिस विभाग से समन्वय बनाते हुए अगली बैठक में समिति के सम्मुख रखने के भी निर्देश दिए।
समीक्षा के दौरान डीएम ने वर्चुअल के माध्यम से जुडे समस्त उप जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि उनके क्षेत्रान्तर्गत जो गौ सदन अच्छा कार्य कर रहे हैं उनका पशु कल्याण बोर्ड में पंजीकरण कराये जाने हेतु उन्हें प्रेरित करने के साथ ही उनकी सूची भी जिला कार्यालय को उपलब्ध करायें ताकि उन्हें पशु कल्याण बोर्ड में पंजीकृत करते हुए सहायता अनुदान दिया जा सके।
साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में पशुपालन विभाग नगर निकाय, राजस्व, जिलापंचायत एव पुलिस विभाग संयुक्त रूप से दो दिवसीय बृहद अभियान चलाकर निराश्रित पशुओं को पकड़ने और गौशालाओं में भेजने की कार्रवाई करें।
उन्होंने कहा कि पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के अन्तर्गत जो भी व्यक्ति पशुओं को किसी भी प्रकार से हानि पहुंचा रहा है, या शहर में घूम रहे ऐसे निराश्रित पशु जिनमें टैग के माध्यम से पशुस्वामी की पहचान सुनिश्चित हो जाती है तो उसके खिलाफ अधिनियम के तहत सख्त से सख्त कार्रवाई करते हुए प्राथमिकी दर्ज करने एवं चालान भी करना सुनिश्चित करें।
साथ ही नगरीय एवं शहरी क्षेत्रों में ग्रामीणों द्वारा छोड़े गये आवरा पशुओं को गौ सदन में भेजने की कार्रवाई करने के भी निर्देश दिये।
हल्द्वानी में चोरगलिया, हल्दूचौड़ रामनगर में मालधानचौड, कालाढूंगी, भवाली, बेतालघाट आदि क्षेत्रों में गौशाला हेतु चिन्हित भूमि पर डीपीआर निर्माण की प्रगति की समीक्षा करते हुए शीघ्र प्रक्रिया पूर्ण करने के निर्देश दिए।
उन्होंने सभी उपजिलाधिकारियो को अपने अपने क्षेत्र में प्रस्तावित एव आवश्यकता अनुसार गौशाला निर्माण हेतु चयनित भूमि का भली-भांति स्थलीय निरीक्षण करने के उपरांत तत्काल रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
समीक्षा के दौरान समस्त पशु चिकित्साधिकारी, नगर निकायों के अधिशासी अधिकारी, वर्चुअल समस्त एसडीएम, सहित गोवंश से जुड़े सदस्य उपस्थित रहे।