उत्तराखंड
जिलाधिकारी अनुराधा पाल ने किया जिला चिकित्सालय का औचक निरीक्षण, मिली खामियाँ ही खामियाँ, कार्रवाई के निर्देश।
बागेश्वर- अल्ट्रासाउण्ड में शिकायत मिलने को गम्भीरता से लेते हुए जिलाधिकारी अनुराधा पाल ने जिला अस्पताल का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान डॉ एसपी त्रिपाठी 05 दिनों से अनुपस्थित पाये गये, साथ ही अल्ट्रासाउण्ड, जॉच, ओपीडी पर्ची से प्राप्त धनराशि प्रतिदिन बैंक में जमा न करना पाया गया, जिस पर जिलाधिकारी ने अनुपस्थित चिकित्सक व कलर्क को चेतावनी के साथ ही कारण बताओं नोटिस जारी करने के निर्देश निरीक्षण दौरान दिये।
जिलाधिकारी ने उपस्थिति रजिस्ट्रर, कैश पंजिका के साथ ही अल्ट्रासाउण्ड, महिला, पुरूष जनरल वार्ड, प्रसव वार्ड, चिल्ड्रन वार्ड, चिकित्सालय पैथोलॉजी लैब, चन्दन पैथोलॉजी कलेक्शन कक्ष के साथ ही औषधि भण्डार, औषधि वितरण कक्ष, आशा घर आदि का औचक निरीक्षण किया।
चन्दन पैथोलॉजी कलेक्शन कक्ष का निरीक्षण किया, निरीक्षण के दौरान उन्होंने कहा कि चन्दन पैथोलॉजी की काफी शिकायतें आ रही है तथा मरीजों द्वारा जॉच रिपोर्ट देरी से मिलने की भी शिकायतें मिल रही साथ ही निरीक्षण दौरान पैथोलॉजी कक्ष में 02 अप्रशिक्षित कर्मचारी पायें गये तथा चिकित्सालय कार्मिकों द्वारा सहयोग न करने की भी शिकायत की गयी, जिस पर जिलाधिकारी ने नाराजगी व्यक्त करते हुए उनके महाप्रबन्धक को पत्र लिखने के निर्देश मुख्य चिकित्साधीक्षक को दिये। साथ ही उन्होंने जॉच रिपोर्ट भी इसी कक्ष से उपलब्ध कराने के निर्देश मौके पर दिये।
औषधि भण्डार निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने औषधि पंजिका के साथ भण्डार में उपलब्ध दवाओं का मिलान किया तथा जो दवायें नियर एक्सपायरी है उन दवाओं को पहले डिस्पेंसरी को उपलब्ध कराने के निर्देश दिये ताकि दवाईयां की बरबादी न हो।
चिल्ड्रन वार्ड का निरीक्षण करने पर चादर गंदी पायी गयी साथ ही छत भी खराब पायी गयी जिस पर जिलाधिकारी ने नाराजगी व्यक्त करते हुए छत ठीक करने, साफ-सुथरी कलरफुल चादरें बिछाने के साथ ही कलरफुल दिवारें बनाने के निर्देश मुख्य चिकित्साधीक्षक को दिये।
महिलाओं को प्रसव के लिए लाने वाली आशाओं के विश्राम के लिए आशा घर बनाया गया है जिसमें सामग्री रखी गयी है, जिस पर जिलाधिकारी ने तुरंत आशा घर से सामग्री हटाने के निर्देश भी दिये। जिलाधिकारी ने कहा कि मरीजों को किसी प्रकार की परेशनी हो, यह कतई बर्दाश्त नहीं किया जायेगा उनकों जॉच रिपोर्ट देने हेतु इधर-उधर के धक्के न खाने पड़े, इसलिये जॉच रिपोर्ट, जॉच कक्ष में ही उपलब्ध कराने के निर्देश देते हुए चिकित्सालय में साफ-सफाई और बेहतर करने के निर्देश मुख्य चिकित्साधीक्षक को दिये।
जिलाधिकारी श्रीमती पाल ने कहा कि जिला चिकित्सालय को बड़े निजी चिकित्सालयों की तरह शीघ्र ई-हास्पिटल के रूप में विकसित किया जायेगा ताकि चिकित्सालय में आने वाले मरीजों की बिमारी हिस्ट्री एक क्लिक में मिलने के साथ ही सभी चीजें ऑनलाइन होगी।
निरीक्षण के दौरान मुख्य चिकित्साधीक्षक डॉ0 वीके टम्टा, सहित अन्य चिकित्सा स्टाफ मौजूद था।