उत्तराखंड
10 मई से शुरू चारधाम यात्रा, सीएम धामी ने चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की मंगलमय यात्रा की कामना करते हुए दी शुभकामनाएं। कहा-राज्य के लिए उत्सव है चार धाम यात्रा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखण्ड में 10 मई से शुरू हो रही चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को शुभकामना देते हुए उनकी मंगलमय यात्रा की कामना की है। मुख्यमंत्री ने चारधाम यात्रा हेतु आए सभी श्रद्धालुओं का स्वागत करते हुए कहा कि वे बाबा केदार, मां गंगोत्री और मां यमनोत्री एवं बद्रीविशाल से प्रार्थना करते हैं कि विगत वर्ष की भांति इस वर्ष भी चारधाम यात्रा हर्षोल्लास एवं धूमधाम से सकुशल संपन्न हो।
सीएम धामी ने विश्वास व्यक्त किया कि इस साल 2024 की चारधाम यात्रा अपने पिछले सभी पुराने रिकॉर्ड तोड़ेगी। राज्य सरकार सुरक्षित चारधाम यात्रा के लिए प्रयासरत है। सरकार द्वारा प्रत्येक स्तर पर चारधाम यात्रा संबंधी तैयारियों की लगातार समीक्षा की जा रही है।
सीएम धामी ने कहा कि, हमारा प्रयास रहेगा कि जो भी श्रद्धालु, यात्रा खत्म होने के उपरांत अपने घर लौटे वह देवभूमि उत्तराखंड में बिताए गए समय की स्वर्णिम यादों को साथ लेकर जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चार धाम यात्रा राज्य के लिए एक उत्सव के समान है। उन्होंने कहा देश विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु उत्तराखंड आते हैं। इस वर्ष अभी तक लगभग 20 लाख से अधिक लोगों द्वारा यात्रा हेतु रजिस्ट्रेशन करवाया गया है। सभी श्रद्धालुओं की यात्रा सुगम तथा सुरक्षित हो इसकी व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने कहा कि चार धाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं पर भगवान की विशेष कृपा रहती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास है कि जब श्रद्धालु चारधाम यात्रा पर आएं तो उन्हें हर सुख सुविधा उपलब्ध कराई जाए, ताकि वे भविष्य में बार – बार उत्तराखंड आने का मन बनाएं, जिससे हमारे पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिल सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा पर आने वाले सभी श्रद्धालुओं की यात्रा सुगम व सफल हो इसके लिये हम सबको सहयोगी बनना होगा ताकि अधिक से अधिक श्रद्धालु हमारी देवभूमि के संदेश को देश व दुनिया में पहुंचाने में भी मददगार बने।
मुख्यमंत्री ने चार धाम यात्रा में लगे सफाई कर्मचारियों से लेकर सुरक्षा में तैनात रहने वाले प्रत्येक पुलिस के जवान और प्रशासनिक अधिकारी से अपील करते हुए कहा कि हम सभी अपने स्तर में सर्वश्रेष्ठ कार्य करें। जिससे यात्रा में आने वाले किसी भी श्रद्धालु को असुविधा का सामना न करना पड़े। आपसी सहयोग और भगवान के आशीर्वाद से हम सभी इस बार की यात्रा को भी सुरक्षित संपन्न कराने में सफल होंगे।