Connect with us

उत्तराखंड

आर्थिक संकट से जूझ रहे रोडवेज कर्मी, दो माह से नहीं मिला।

Newsupdatebharat Uttarakhand Dehradun Report News
देहरादून: उत्तराखंड में विधानसभा चुनावों संपन्न हो गए। लेकिन उत्तराखंड परिवहन निगम के हजारों कर्मचारियों के सिर पर मंडरा रहे वेतन का संकट अभी खत्म नहीं हुआ है। कर्मचारियों को पिछले 2 महीने से वेतन नहीं मिला है। कर्मचारियों का कहना है कि वह ब्याज लेकर घर का पालन पोषण कर रहे हैं। जीवन यापन में दिक्कतें आ रही हैं।
गौरतलब है कि कोरोना की पहली लहर यानी मार्च 2020 के बाद ही उत्तराखंड रोडवेज के कर्मचारियों के लिए मुश्किल खड़ी होनी शुरू हो गई थी। वेतन की प्रक्रिया तभी से लड़खड़ाने लग गई थी। इसके बाद कभी समय पर तनख्वाह नहीं मिली। यही वजह थी कि कर्मचारी चुनाव ड्यूटी पर जाने से भी मना कर रहे थे।
कर्मचारियों का कहना है कि उन्होंने वेतन नहीं मिलने के बावजूद भी पूरी गंभीरता से चुनाव ड्यूटी की। अब चुनाव निपट गया है। इसके बावजूद वेतन को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं हो पा रही है। इसी मामले को लेकर उत्तराखंड रोडवेज यूनियन ने अफसरों को पत्र भेजा है। उत्तराखंड रोडवेज इंप्लाइज यूनियन के मंडल अध्यक्ष मुकेश कुमार वर्मा ने जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि वेतन ना मिलने की वजह से संकट इस कदर बढ़ गया है कि कर्मचारी घर तक नहीं चला पा रहे हैं। उन्हें मजबूरी में उधार और ब्याज पर पैसे लेने पड़ रहे हैं। कर्मचारी बच्चों की फीस तक जमा कर पाने में सक्षम नहीं है। आर्थिक स्थिति ऐसी है कि घर के काम नहीं हो पा रहे हैं। ऐसे में मामले को गंभीरता से लेकर मुख्यालय को जल्द से वेतन देना चाहिए।
बता दें कि उत्तराखंड परिवहन निगम के अंतर्गत कर्मचारियों और अफसरों को मिलाकर करीब 6000 कर्मचारी काम करते हैं। जिनमें एक बड़ा हिस्सा संविदा और विशेष श्रेणी के तहत नियुक्त कर्मचारियों का है। बता दें कि निगम को हर महीने वेतन के लिए करीब 20 करोड़ रुपए की जरूरत होती है।
Continue Reading

More in उत्तराखंड

उत्तराखण्ड

उत्तराखण्ड

भारत

भारत

हल्द्वानी

हल्द्वानी

रामनगर

रामनगर

Trending News

Like Our Facebook Page