अल्मोड़ा
इस आरक्षित वन क्षेत्र में एक भी आग की घटना नहीं घटी, ग्रामीणों की जागरूकता से हराभरा है यह जंगल।
Newsupdatebharat Uttarakhand Almora Report Rahul Singh Darmwal
अल्मोड़ा – गर्मी के सीजन में जहां एक ओर पहाड़ो के जंगल धूं धूं कर जल रहे हैं, लाखों करोड़ों की वन संपदा का नुकसान हो रहा है, अब तक करोड़ो की वन संपदा जलकर खाक हो चुकी है। वहीं ऐसे में अल्मोड़ा के स्याही देवी आरक्षित वन क्षेत्र एकमात्र ऐसा वन क्षेत्र है जहां अब तक एक भी वनाग्नि का मामला सामने नहीं आया है। इसके पीछे कारण ग्रामीणों की जागरूकता है। इस क्षेत्र के ग्रामीण विगत 15 सालों से खुद वनों को बचाने की मुहिम में जुटे हैं। जिसका परिणाम यह है कि आज यह वन क्षेत्र बांज और बुरांश के चौड़ी पत्ती वाला जिले का सबसे घना वन क्षेत्र के रूप में विकसित है। ग्रामीणों की इस मुहिम से यह अपने आप में प्रदेश का एक मॉडल वन क्षेत्र बना हुआ है।
अल्मोड़ा शहर से लगभग 33 किलोमीटर दूर बाँज, बुरांश समेत अन्य चौड़ी पत्तियों वाला घना जंगल स्याही देवी आरक्षित वन क्षेत्र है। इस जंगल के संरक्षण के लिए इस क्षेत्र के ग्रामीण विगत 15 सालों से जुटे हुए हैं। आग लगने पर ग्रामीण, महिला मंगल दल खुद ही आग बुझाने के लिए आगे आ जाते हैं। ग्रामीणों की इसी जागरूकता के कारण इतनी भीषण गर्मी में अब तक इस क्षेत्र में वनाग्नि की कोई घटना सामने नहीं आई है। जहां इस समय जिले के अधिकांश वन क्षेत्र जल चुका है, लेकिन स्याहीदेवी वन क्षेत्र हरा भरा बना हुआ है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि वह विगत 15 सालों से वन विभाग के सहयोग से इस वन क्षेत्र को एएनआर पद्धति से विकसित करने में जुटे हैं।
वही अल्मोड़ा वन प्रभाग के डीएफओ महातिम यादव ने बताया कि ग्रामीणों की वनों को लेकर यह जागरूकता प्रदेश में अपने आप मे एक अनूठा उदाहरण है।