उत्तराखंड
उत्तराखंड में वन्यजीव तस्कर सक्रिय वन विभाग और पुलिस के लिए चुनौती , इस दुर्लभ प्रजाति के जीव के साथ 6 तस्कर गिरफ्तार
रिर्पोट – योगेंद्र सिंह नेगी
उत्तराखंड में वन्य जीव तस्कर काफी सक्रिय है क्योंकि उत्तराखंड के अधिकतर भूभाग में जंगल वन क्षेत्र होने के कारण वन्यजीव तस्कर यहां से वन्यजीवों की तस्करी कर बाहर ले जाकर वन्यजीवों के अंगों और वन्यजीवों को बाहर सप्लाई किया करते हैं इस सप्लाई के कारण वह मोटा मुनाफा वन्यजीवों की तस्करी कर कमाते हैं हालांकि पुलिस और वन विभाग लगातार इन पर शिकंजा कस्ती हुई दिखाई तो देती है लेकिन उसके बावजूद भी उत्तराखंड में वन्यजीव तस्करो की एक बड़ी चैन काम करती है जिसे रोकना और इस चैन को तोड़ना पुलिस और वन विभाग के लिए काफी चुनौती भरा है ।
की मंडी चौकी पुलिस ने वन्यजीव तस्करी के मामले में बड़ी कार्यवाही की है। पुलिस ने 6 तस्करों को गिरफ्तार किया है, जिनके कब्जे से दुर्लभ प्रजाति का जीवित पैंगोलिन बरामद हुआ है। पकड़े गए पांच तस्कर उधम सिंह नगर के जबकि एक मुरादाबाद का रहने वाला है।पुलिस ने तस्करी में इस्तेमाल की जा रही एक स्विफ्ट डिजायर कार भी बरामद की है।
सीओ प्रमोद शाह ने बताया कि मुखबिर की सूचना पर मंडी चौकी पुलिस ने गोरापड़ाव स्थित सड़क पर घेराबंदी कर जब कार की तलाशी ली तो उसमें एक दुर्लभ प्रजाति का पैंगोलिन जीव रखा हुआ था। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि पैंगोलिन को उधम सिंह नगर के धौरा डाम से पकड़कर ला रहे हैं। दुर्लभ प्रजाति के पैंगोलिन की अंतरराष्ट्रीय बाजार में काफी डिमांड है जिसको तस्कर बेचने की फिराक में थे। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत 80 लाख रुपये से अधिक की बताई जा रही है। वहीं पुलिस ने सुरक्षा की दृष्टि से वन्यजीव को वन विभाग के सुपुर्द कर दिया है। वही तराई केंद्रीय वन प्रभाग की डीएफओ अभिलाषा सिंह का कहना है कि आरोपियों के खिलाफ वन जीव अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है और बरामद पैंगोलिन को जंगल में छोड़ा जाएगा।