उत्तराखंड
आपदा के बहाने कोरोना वॉरियर्स पर सवाल उठाना शर्मनाक / जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर
ब्यूरो रिर्पोट –
बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रदेश में कल चमोली में आई आपदा में कई नागरिकों ने जान गवां दी। आपदा में जान गंवाने वाले लोगों और जो लोग लापता हैं उनकी सलामती के लिए हर प्रदेशवासी दुआ कर रहा है। वहीं इस दुःख की घड़ी में भी कुछ कथित पत्रकार अपने व्यक्तिगत अहम के लिए सद्भावना और भाईचारे की भावना पर चोट करने की नापाक हरकत पर आमादा हैं। पत्रकारिता के पवित्र पेशे को बदनाम करने वाले ऐसे लोग बदकिस्मती से पत्रकारिता का कथित चोला ओढ़े हुए हैं।
पूरे कोरोना काल में खुद के परिवार से दूर रखकर आमजन की जान बचाने के लिए दिन-रात एक कर ड्यूटी निभाने वाले जांबाज सिपाहियों का रविवार के दिन चंद घण्टे एक क्रिकेट मैच खेलना इनकी आंखों में चुभ गया है। अपने निहित स्वार्थ के चलते दूसरों को नीचा दिखाने की जिद में यह उस खाकी का अपमान कर रहे हैं जिन्होंने कोरोना काल में अपनी जान गवांकर भी लोगों को सुरक्षित रखने का बीड़ा उठाया। कई अफसर अपनी ड्यूटी का फर्ज निभाते जान खो बैठे।
कल अचानक चमोली में आपदा आयी। इससे पहले ही पत्रकारों और पुलिस प्रशासन के बीच एक सद्भावना मैच तय हो चुका था। इसका मकसद उन जांबाज सिपाहियों को मनोरंजन के कुछ पल देना था जिन्होंने पूरी मुस्तेदी से अपना फर्ज पिछले आठ महीनों से निभाया। दूसरी ओर वह कलम के सिपाही थे जिन्होंने इस कोरोना काल में पूरी शिद्दत से अपना फर्ज निभाते हुए जनता को पल-पल जागरूक किया।
आपदा नियोजित नहीं होती। मैच तय समय पर शुरू हुआ। बाद में चमोली में हुई दुःखद घटना की जानकारी मिली। सभी ने इस घटना पर दुःख जताते हुए उन जांबाजों के जज्बे को भी सलाम किया जो इस आपदा के बीच लोगों की जान बचाने की मुहिम में जुटे थे। पर अफसोस है कि आपदा की इस घड़ी को भी कुछ कथित पत्रकारों ने अपने निजी स्वार्थ साधने का अवसर बनाने की कोशिश की। पुलिस के जांबाज सिपाहियों के मैच खेलने से लेकर सहभोज के व्यंजनों तक अपना क्रोध निकाल डाला। यह उन पुलिस कर्मियों के लिए किसी आघात से कम नहीं है जो अपने घर परिवार तक की फिक्र न करते हुए रात-बेरात लोगों की मदद के लिए जुटे रहते हैं। हम बस यही दुआ करते हैं कि ईश्वर ऐसे नकारात्मक लोगों में कुछ सकारात्मक ऊर्जा भरे। ताकि जनसरोकारों और सच्चाई की राह में चलकर ये सच्ची पत्रकारिता को समझ सकें