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उत्तराखंड

मुख़्यमंत्री की सीबीआई जाँच के खिलाफ मुख़्यमंत्री की ओर से विशेष अनुमति याचिका दायर, विपक्ष माँग रहा स्तीफा

 

रिपोर्ट- प्रवेश राणा
देहरादून – पत्रकार उमेश शर्मा द्वारा हाईकोर्ट नैनीताल में दायर याचिका पर कल कोर्ट द्वारा पत्रकारों पर दायर मुकदमे में एफआईआर निरस्त करते हुए पूरे मामले की सत्यता जानने के लिए सीबीआई को नए सिरे से एफआईआर दर्ज कर मुख्यमंत्री पर लगे आरोपो की जाँच के आदेश दिए जिसके बाद विपक्ष ने हमला करते हुए मुख्यमंत्री से नैतिकता के आधार पर इस्तीफे की माँग की है . इस पूरे प्रकरण पर सरकार व भाजपा की ओर से अपना पक्ष रखते हुये फैसले निंदा की और बताया की मुख़्यमंत्री के खिलाफ जो आदेश कोर्ट द्वारा दिये गए उसके खिलाफ मुख्यमंत्री की ओर से एसएलपी (विशेष अनुमति याचिका) दायर की गई है।

बीजेपी कार्यालय पर एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया जिसमें पार्टी के मुख्य प्रवक्ता व विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने विपक्ष पर राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कोर्ट द्वारा जो फैसला दिया गया है वो अनोखा है , मैं कोर्ट का सम्मान करता हूं पर फैसले की निन्दा करता है इस पूरे मामले में अभी तक न तो कोर्ट द्वारा मुख्यमंत्री को कोई नोटिस दिया गया है और न ही उनको सुना गया जबकि शिकायत कर्ता द्वारा दिये गए साक्ष्यों को शिकायतकर्ता ने स्वयं गलत माना है उसके बाबजूद भी जो आदेश कोर्ट द्वारा दिये गए उसके खिलाफ मुख्यमंत्री की ओर से एसएलपी (विशेष अनुमति याचिका) दायर की गई है।

हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद विपक्ष सरकार पर हमलावर हो गई है.कांग्रेस ने इस मामले पर मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग की है.दअरसल कांग्रेस मुख्यालय में कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने प्रेसवार्ता की जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, प्रभारी देवेंद्र यादव, नेता प्रतिपक्ष इंदिरा ह्रदयेश, प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह मौजूद रहे. प्रदेश प्रभारी देंवेंद्र यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री को तत्काल अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए.वहीं पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि राज्यपाल से जल्द कांग्रेसजन मुलाकात करेंगे इसलिए लिए राज्यपाल से समय मांगा गया है..गर्वनर से राज्य सरकार की बर्खास्तगी की मांग की जाएगी

 

 

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