उत्तराखंड
जिम्मेदार कौन ?? लापरवाही, मिलीभगत या फिर करोड़ों पर पानी फेरते अधिकारी । आखिरकार कहां है सांसद , विधायक और उनके प्रतिनिधि ??????
रिपोर्ट – राहुल सिंह दरम्वाल
उत्तराखंड के अधिकतर मार्ग आपको क्षति ग्रस्त दिखाई देते हैं लेकिन केंद्र सरकार से मिले उत्तराखंड राज्य को करोड़ों के बजट को किस तरह अधिकारियों की मिलीभगत से जहां आवश्यकता नहीं है वहां भी किस तरह से खर्च किया जा रहा है अगर यही करोड़ों का बजट क्षतिग्रस्त मार्गों को सही करने में लगाया जाए तो उत्तराखंड की सड़कें चमचमाती दिखेंगी लेकिन अधिकारियों की लापरवाही जिम्मेदार कर्मचारी और जिम्मेदार अधिकारी ऐसी कमरों में बैठकर एस्टीमेट बनाकर टेंडर निकलवा कर लाखों-करोड़ों को जनता के दिए हुए टैक्स के द्वारा पैसे को किस तरह पानी में मिलाया जा रहा है अभी यह पूरा मामला हल्द्वानी के मुखानी से सुशीला तिवारी को जोड़ने वाले मार्ग का है
इसको आपको भी सोचने की आवश्यकता है क्योंकि यह पैसा आपकी जेब से ही किसी न किसी रूप में सरकार के पास जाता है और सरकार के नुमाइंदों और केंद्र सरकार और राज्य सरकार में बैठे नेताओं को भी इस ओर ध्यान देने की आवश्यकता है क्योंकि सरकार कार्य तो कर रही है लेकिन जनता के टैक्स की मोटी कमाई को किस तरह पीडब्ल्यूडी ,एनएच या सड़क बनाने वाली कोई भी संस्था किस तरह करोड़ों के बजट को सरकार और आम जनता को चूना लगा रहे हैं
दोस्तों हमारा इस खबर से सिर्फ आम जनता से यही कहना है कि अगर आपको इस तरह कहीं दिखाई देता है तो उस काम को जरूर रुकवा कर किसी जिम्मेदार अधिकारी को मौके पर बुलाकर उसकी जांच करवानी बहुत आवश्यक है क्योंकि जिन मार्गों में आवश्यकता डामरीकरण की है वहां तो कार्य नहीं हो रहा है अक्सर आपने ऐसा देखा भी होगा कि जो चमचमाती सड़कें हैं उसके ऊपर फिर से डामर का कार्य कर दिया जाता है लेकिन जो पहले से ही क्षतिग्रस्त है और जहां लगातार हादसे होते हैं जहां पर आम जनता को मूलभूत सड़क की समस्या है वह ना तो अधिकारी और ना नेताओं को दिखाई देता है अब इसके पीछे क्या वजह है यह तो पता नही लेकिन सरकार में बैठे नेताओं और सरकार के नुमाइंदों प्रशासनिक अधिकारियों सभी की लापरवाही इस कार्य में जरूर है और सबसे बड़ी लापरवाही आम जनता की है जो यह सब देख कर भी चुप रहने को मजबूर बनी हुई है