उत्तराखंड
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पशुपालन, डेयरी विकास, मत्स्य पालन और गन्ना विकास विभाग की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को दिए निर्देश।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में पशुपालन, डेयरी विकास, मत्स्य पालन और गन्ना विकास विभाग की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि पशुपालन और डेयरी विकास के क्षेत्र में आगामी 03 वर्षों में सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) में योगदान 03 प्रतिशत से बढ़ाकर 05 प्रतिशत करने की दिशा में कार्य किये जाएं। इसके लिए उन्होंने स्थानीय उत्पादों को तेजी से बढ़ावा दिये जाने पर भी बल दिया। उन्होंने पशुपालन और डेयरी विकास के क्षेत्र में जीएसडीपी में वृद्धि के लिए आवश्यक संसाधनों का पूरा एक्शन प्लान तैयार कर प्रस्तुत करने और प्रत्येक जनपद में एक-एक मॉडल पशु चिकित्सालय बनाए जाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि योजनाओं के सफल क्रियान्वयन के साथ नवाचार की दिशा में विशेष ध्यान दिया जाए। योजनाओं को और अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में कार्य किया जाए। जिससे स्थानीय स्तर पर लोगों की आजीविका में वृद्धि हो और पलायन भी रुके। मुख्यमंत्री ने कहा कि गोट वैली, कुक्कुट वैली और ब्रॉयलर फार्म की स्थापना राज्य में पशुपालकों की आय को बढ़ाने में सहायक सिद्ध हुई है। इन योजनाओं को और तेजी से बढ़ावा दिया जाए।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि राज्य में डेयरी विकास के लिए दुग्ध उत्पादन में वृद्धि के साथ ही विभिन्न दुग्ध उत्पादों को बढ़ावा देने की दिशा में तेजी से कार्य किया जाए। दुग्ध उत्पादन से लाभकारी आय के लिए इनपुट प्रोडक्शन एवं डिलीवरी सिस्टम को सुदृढ़ बनाया जाए। एफ.पी.ओ के माध्यम से किसानों को उन्नत किस्म के चारा बीज उपलब्ध कराने, हरा एवं सूखा चारा उत्पादन के लिए प्रोत्साहित करने और राज्य में अधिक से अधिक दुग्ध उत्पादक सेवा केन्द्र स्थापित किये जाने के भी निर्देश मुख्यमंत्री ने दिए।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि पर्वतीय क्षेत्रों में ट्राउट फिश के उत्पादन को तेजी से बढ़ावा दिया जाए। इनकी बिक्री के लिए भी उचित प्रबंध किये जाएं। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना का मत्स्य पालकों को अधिक से अधिक लाभ मिले। मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना से भी अधिक से अधिक मत्स्य पालकों को जोड़ा जाए। गन्ना विकास विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि गन्ना मिलों को घाटे से उबारा जाय। गन्ना मिलों के आधुनिकीकरण, दक्षता और क्षमता में वृद्धि की दिशा में कार्य किये जाएं। राज्य में गन्ना बीज बदलाव, जीपीएस के माध्यम से गन्ना सर्वेक्षण का कार्य तथा जैविक गन्ना उत्पादन को बढ़ावा देने के लक्ष्य जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए हैं। यह सुनिश्चित किया जाए कि किसानों को गन्ना मूल्य का भुगतान समय पर हो।
बैठक में कैबिनेट मंत्री श्री सौरभ बहुगुणा, मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव श्री आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव श्री आर. के सुधांशु, सचिव डॉ. बी.वी.आर. सी. पुरुषोत्तम, विशेष सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते, अपर सचिव श्री विजय जोगदंडे, नियोजन विभाग से श्री मनोज पंत और संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।