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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वर्चुअल माध्यम से कर्णप्रयाग (चमोली) में आयोजित बैसाखी धार्मिक पर्यटन, सांस्कृतिक एवं विकास मेला-2025 को संबोधित

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री कार्यालय, देहरादून से वर्चुअल माध्यम से कर्णप्रयाग (चमोली) में आयोजित बैसाखी धार्मिक पर्यटन, सांस्कृतिक एवं विकास मेला-2025 को संबोधित किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि मेला हमारे समाज को जोड़ने के साथ ही लोक कलाकारों को एक सम्मानित मंच भी प्रदान करते हैं। 

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कर्णप्रयाग में सरस्वती शिशु मन्दिर से बाजार की ओर पिण्डर नदी पर बाढ़ सुरक्षात्मक कार्य करवाए जाने। कर्णप्रयाग में बाजार के समीप एक पार्किंग का निर्माण किए जाने। नंदा देवी राजजात को देखते हुए कनखुल टैक्सी स्टैण्ड के समीप बहुमंजिला पार्किंग का निर्माण किए जाने। शिमली में मोटर पुल के समीप पार्किंग का निर्माण किए जाने। राजकीय इंटर कॉलेज से सांकरीसेरा, पलेठी एवं पाडली तक सड़क का निर्माण कराए जाने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने डॉ. भीमराव आंबेडकर जयंती एवं बैसाखी पर्व की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि वो स्वयं सभी के मध्य उपस्थित होकर इस विशिष्ट मेला का साक्षी बनना चाहते थे, लेकिन पूर्व निर्धारित शासकीय व्यस्तताओं के कारण वर्चुअल माध्यम से ही जुड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के मेला क्षेत्र की आर्थिकी को मजबूत करने के साथ साथ प्राचीन सांस्कृतिक विरासत को संजोने का काम करते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार आपदा पीड़ित परिवारों के साथ हर कदम पर खड़ी है। आपदा पीड़ित परिवारों के पुनर्वास के लिए अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में राज्य सरकार प्रदेश के विकास हेतु निरंतर कार्य कर रही है। चार धाम सड़क परियोजना, विभिन्न पर्वतीय नगरों को हेली सेवा से जोड़ना, सरकारी हेली एंबुलेंस की शुरुआत, एवं प्रदेश के कोने-कोने में शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क और पेयजल से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे कार्य तेजी से आगे बढ़े हैं। उन्होंने कहा कि ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल लाइन परियोजना के पूर्ण होने से पहाड़ों में रेल पहुंचाने का सपना भी साकार होने जा रहा है। जिससे कर्णप्रयाग सहित पूरे क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएं बढ़ेंगी।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार विकास कार्यों के साथ प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने की दिशा में कार्य कर रही है। केदारनाथ धाम में करोड़ों की लागत से वृहद स्तर पर पुनर्विकास के कार्य किए जा रहे हैं। बदरीनाथ धाम में ₹424 करोड़ की लागत से मास्टर प्लान के अंतर्गत विकास कार्य करवाए जा रहे हैं। बाबा केदारनाथ धाम और हेमकुंट साहेब के लिए रोप-वे निर्माण की भी स्वीकृति भारत सरकार से प्रदान हो गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले वर्ष कर्णप्रयाग के नौटी गांव से मां नंदा देवी की राजजात प्रारंभ होंगी, जिसके लिए राज्य सरकार अभी से तैयारियों में जुट गई है। इस बार की राजजात को हम सब मिलकर और अधिक भव्य और दिव्य रूप में मनाएंगे। पहाड़ों से हो रहे पलायन को रोकने तथा स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए भी कई महत्वपूर्ण योजनाओं पर कार्य गतिमान हैं। एक जनपद-दो उत्पाद योजना और लखपति दीदी योजना के माध्यम से प्रदेश की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त एवं आत्मनिर्भर बनाने का कार्य जारी है। उन्होंने कहा कि राज्य में रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं एवं पर्यटन और कृषि क्षेत्र में भी नई संभावनाओं के द्वार खुल रहे हैं।
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