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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वित्तीय मितव्ययता के संबंध में बैठक की, अधिकारियों को राज्य में राजस्व वृद्धि हेतु इनोवेटिव प्रयास करने सहित कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में वित्तीय मितव्ययता के संबंध में बैठक की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को राज्य में राजस्व वृद्धि के लिए सभी विभागों द्वारा इनोवेटिव प्रयास करने सहित कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए।

बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि विभागों द्वारा राजस्व बढ़ाने के लिए नये स्रोतों पर विशेष ध्यान दिया जाए तथा जिन योजनाओं पर कार्य किया जा रहा है, उनमें राजस्व बढ़ाने की दिशा में विभागीय सचिवों द्वारा विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने विभागों द्वारा राजस्व संग्रहण में वृद्धि करने के लिए नए तरीके और रणनीति अपनाने के भी निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कर संग्रहण प्रक्रिया में और सुधार के साथ ही कर चोरी रोकने के लिए नियमित कड़े कदम उठाये जाएं। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि विकास और जनहित से जुड़े विभिन्न कार्यों का आम जन को पूरा लाभ मिले। साथ ही कार्यों में मितव्ययता के साथ गुणवत्ता का भी विशेष ध्यान रखा जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सुदृढ़ वित्तीय प्रबन्धन राज्य सरकार का मूल मंत्र है। हमें स्वयं के राजस्व संसाधनों में वृद्धि के लिए और तेजी से प्रयास करने हैं। उन्होंने खनन क्षेत्र में राजस्व वृद्धि के लिए किये गये प्रयासों की भी सराहना की। इस वर्ष खान क्षेत्र में प्रथम छमाही में गत वर्ष की तुलना में 70 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। जो कुल वार्षिक लक्ष्य का 52 प्रतिशत प्राप्त हो गया है। मुख्यमंत्री ने एस.जी.एस.टी., परिवहन, आबकारी, वानिकी, ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में राजस्व वृद्धि के लिए और प्रयासों पर भी बल दिया।
उन्होंने कहा कि मितव्ययता के बहुत से आयाम हैं। सुदृढ़ कानून व्यवस्था से जहां एक ओर निवेश बढ़ता है, आर्थिक गतिविधियां भी बढती हैं। राज्य के कर एवं करेत्तर आय में वृद्धि होती है। इसी प्रकार पालिसी इन्टरवेंशन से भी राज्य की आय में वृद्धि हो सकती है तथा मितव्ययता सुनिश्चित की जा सकती हैं।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि जिन योजनाओं में केन्द्रांश और राज्यांश क्रमशः 90 और 10 के अनुपात में हो उनको अधिक प्राथमिकता दी जाए। इसके साथ ही उन्होंने नाबार्ड द्वारा वित्त पोषित सार्वजनिक कार्यों में तेजी लाने के भी निर्देश दिये।
इस दौरान वित्त मंत्री श्री प्रेमचन्द अग्रवाल, मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव श्री आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव न्याय श्री प्रदीप पंत, प्रमुख सचिव श्री आर. के. सुधांशु, श्री एल फैनई, विशेष प्रमुख सचिव श्री अमित सिन्हा, सचिव डॉ. आर. मीनाक्षी सुदंरम, श्री शैलेश बगौली, श्रीमती राधिका झा, श्री नितेश झा, श्री दिलीप जावलकर, श्री सचिन कुर्वे, श्री रंजीत सिन्हा, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, श्री बृजेश कुमार संत, श्री एच. सी. सेमवाल, श्री विनोद कुमार सुमन, डॉ. नीरज खैरवाल, डा. आर. राजेश कुमार, अपर सचिव श्री मनमोहन मैनाली एवं विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष उपस्थित रहे।
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