उत्तराखंड
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 89 दक्ष दिव्यांग कर्मचारियों, खिलाड़ियों एवं स्वतः रोजगाररत दिव्यांगजनों व उनके सेवायोजकों को राज्य स्तरीय दक्षता पुरस्कार प्रदान कर किया सम्मानित।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विश्व दिव्यांग दिवस के अवसर पर सुभाष रोड स्थित वेडिंग प्वाइंट में आयोजित दिव्यांग राज्य स्तरीय दक्षता पुरस्कार वितरण कार्यक्रम में 89 दक्ष दिव्यांग कर्मचारियों, खिलाड़ियों एवं स्वतः रोजगाररत दिव्यांगजनों व उनके सेवायोजकों को राज्य स्तरीय दक्षता पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया। जिसमें 25 दक्ष दिव्यांग कर्मचारी, 32 दक्ष दिव्यांग खिलाड़ी, 30 स्वतः रोजगाररत दिव्यांगजन और 2 दिव्यांगजनों के सेवायोजक सम्मिलित थे।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने आगामी विश्व दिव्यांग दिवस तक सभी दिव्यांगजनों को उनकी आवश्यकतानुसार सभी जिलों में स्पेशल कैंप लगाकर निःशुल्क उपकरण उपलब्ध कराए जाने और दिव्यांग विद्यार्थियों को निःशुल्क ऑनलाइन आई.ए.एस की कोचिंग की व्यवस्था कराए जाने की घोषणा की।
दिव्यांगजनों के साहस व समर्पण की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज सरकारी दफ्तरों से लेकर खेल के मैदान तक प्रत्येक जगह हमारे दिव्यांग भाई-बहन अपनी क्षमता का लोहा मनवा रहे हैं। यही नहीं सभी ने अपनी लगन और मेहनत के बल पर इस कविता की ये पंक्ति सार्थक की है कि….‘‘लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आज देश में दिव्यांगजनों के लिए अनेक कार्य किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने देश में ‘दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016’ को लागू किया, जिसमें दिव्यांगता के प्रकारों को 7 से बढ़ाकर 21 किया गया। आज जब भी हम अस्पताल, बस अड्डा जैसी सार्वजनिक इमारत बनाते हैं तो उसमें इसका विशेष ध्यान रखा जाता है कि हमारे दिव्यांग भाई-बहनों को आने जाने में किसी भी प्रकार की कोई असुविधा न हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा दिव्यांगजनों को अलग-अलग कैटेगरी में विभिन्न प्रकार की पांच पेंशन दी जा रही हैं, जिनके माध्यम से प्रदेश के करीब एक लाख दिव्यांगजन लाभांवित हो रहे हैं। वर्तमान में प्रदेश में दिव्यांगजनों को प्रतिमाह 1500 रूपए पेंशन तथा जन्म से दिव्यांग बच्चों के माता-पिता को 18 वर्ष तक प्रतिमाह 700 रूपए का भरण-पोषण अनुदान दिया जा रहा है।
ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि कार्य करने के दौरान दुर्घटनावश दिव्यांग हो जाने पर 1200 रूपए प्रतिमाह की पेंशन दी जा रही है। 21 वर्ष की आयु होने के बावजूद 4 फीट से कम लंबाई वाले व्यक्तियों को भी 1200 रूपए प्रतिमाह पेंशन दी जा रही है। दिव्यांगजनों को विशिष्ट पहचान पत्र जारी कर सरकारी कल्याणकारी योजनाओं की पहुंच सुनिश्चित की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में दिव्यांगजन से विवाह करने पर 25 हजार रूपए की धनराशि दिव्यांग दम्पत्ति को प्रोत्साहन स्वरूप प्रदान की जा रही है। यही नहीं कक्षा एक से आठ तक के दिव्यांग बच्चों अथवा दिव्यांग अभिभावकों के बच्चों को भी छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही है। 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांगता वाले दिव्यांगजनों को कृत्रिम अंग या उपकरण खरीदने के लिए 7 हजार रूपए की धनराशि भी एकमुश्त प्रदान की जा रही है।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार दिव्यांगजनों को आर्थिक लाभ देने के साथ ही उन्हें आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने की दिशा में भी प्राथमिकता के साथ कार्य कर रही है। दिव्यांगजनों के स्वरोजगार हेतु जनपद टिहरी, नैनीताल व पिथौरागढ़ में प्रशिक्षण केंद्र संचालित किए जा रहे हैं, जिनमें दिव्यांगजनों को निःशुल्क प्रिंटिंग प्रेस, सिलाई कटाई आदि का प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दिव्यांगों को बहुआयामी सेवायें प्रदान किये जाने हेतु प्रत्येक जनपद में जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्रों की भी स्थापना की गयी है। दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 के अंतर्गत राज्य में ‘‘दिव्यांग सलाहकार बोर्ड’’ का गठन भी किया गया है। दिव्यांगजनों के अधिकारों के संरक्षण और संचालित योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु राज्य में न्यायालय आयुक्त की स्थापना की गयी है, साथ ही प्राप्त शिकायतों के निस्तारण हेतु ऑनलाइन सुनवाई की सुविधा भी प्रारम्भ की गयी है।
राज्य में मानसिक रूप से दिव्यांग महिलाओं हेतु देहरादून में एक विशेष ‘‘नारी निकेतन’’ संचालित किया जा रहा है। इसी प्रकार हरबर्टपुर क्षेत्र में मानसिक रूप से दिव्यांग महिलाओं को सबल बनाये जाने हेतु ‘‘हाफ वे होम’’ संचालित किया जा रहा है। जहां एक ओर स्वास्थ्य विभाग द्वारा देहरादून में ‘मानसिक स्वास्थ्य संस्थान’ संचालित किया जा रहा है, वहीं ऊधमसिंह नगर में ‘विशेष मानसिक पुनर्वास गृह’ का निर्माण भी किया जा रहा है।
इस अवसर पर विधायक श्री खजान दास, श्री उमेश शर्मा काऊ, सचिव समाज कल्याण श्री नीरज खैरवाल, निदेशक एवं आयुक्त दिव्यांगजन श्री प्रकाश चंद्र, अपर सचिव श्री गौरव कुमार आदि मौजूद रहे।