इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड रजत जयंती वर्ष का लोगो भी जारी किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में प्रवासी उत्तराखण्ड परिषद का गठन किया जायेगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड की माटी से जुड़े हुए प्रवासियों ने शिक्षा, अनुसंधान, ब्यूरोक्रेसी, फिल्म निर्माण, उद्योग, व्यापार सहित विभिन्न क्षेत्रों में राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार श्री अजीत डोभाल और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान उत्तराखण्ड से हैं। भारत के प्रथम चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ श्री विपिन रावत भी इसी भूमि से थे। उन्होंने कहा कि हमारे प्रवासी देश के विभिन्न राज्यों में अपनी भाषा और संस्कृति को बढ़ावा दे रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले तीन सालों में उन्हें देश के अनेक राज्यों में पर्वतीय समाज के लोगों से मिलने का अवसर मिला। उन्होंने महसूस किया कि हमारे प्रवासियों के भीतर बसा उत्तराखण्ड सदैव उनके साथ रहता है। उन्होंने उत्तराखण्ड की भाषा, संस्कृति और संस्कारों को कभी नहीं छोड़ा। यह प्रवासी उत्तराखण्डी सम्मेलन सभी को उत्तराखण्ड की मिट्टी से पुनः जोड़ने का एक प्रयास है। यह ऐसा समागम है, जहां सभी प्रवासी भाई-बहन न सिर्फ राज्य के अधिकारियों के साथ संवाद कर सकेंगे, बल्कि उन्हें विभिन्न राज्यों में निवासरत अन्य उत्तराखण्डी प्रवासियों से भी मिलने का सुअवसर प्राप्त हो रहा है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यहां से निकलने वाला संदेश लाखों उत्तराखण्डी प्रवासियों तक पहुँचेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के संकल्प को पूर्ण करने में उत्तराखण्ड भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन एवं सहयोग से प्रदेश में शिक्षा, स्वास्थ्य, कनेक्टिविटी, पेयजल सहित सभी प्रमुख क्षेत्रों का इंफ्रास्ट्रक्चर तेजी से मजबूत हो रहा है।
ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन का कार्य भी तेजी से चल रहा है। एयर कनेक्टिविटी को मजबूत बनाया जा रहा है। 30 से अधिक नई नीतियां लाकर उत्तराखण्ड को निवेश और रोजगार सृजन के लिए अनुकूल बनाया है। प्रदेश में विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में भी प्राथमिकता के साथ कार्य हो रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश हित में कई कठोर एवं ऐतिहासिक निर्णय लिये गये हैं। यूसीसी का कानून राज्य में जल्द लागू होगा। देश का सबसे कड़ा नकल विरोधी कानून, धर्मांतरण रोधी कानून और दंगारोधी कानून लागू किया गया है। नीति आयोग द्वारा जारी सतत विकास के लक्ष्यों के इंडेक्स में उत्तराखण्ड को देश में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। राज्य ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में एचीवर्स तथा स्टार्टअप रैंकिंग में लीडर्स की श्रेणी में है। एक वर्ष में बेरोजगारी दर 4.4 प्रतिशत कम हुई है। राज्य में फिल्म निर्माण को बढ़ावा देने के लिए नई फिल्म नीति को भी मंजूरी दी है, जिसमें राज्य में फिल्मों की शूटिंग करने पर कई प्रकार की सब्सिडी देने का प्रावधान किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रवासी उत्तराखण्डियों को प्रदेश की विभिन्न जानकारियां उपलब्ध कराने और उनकी समस्याओं को दूर करने के उद्देश्य से एक डेडिकेटेड वेबसाइट भी तैयार की जा रही है। मुख्यमंत्री ने सभी प्रवासियों से अपील की कि कम से कम वर्ष में एक बार अपने गांव और पैतृक घर पर जरूर आएं और अपनी-अपनी विशेषज्ञता के हिसाब से अपने क्षेत्र के विकास में योगदान दें। आपके सुझावों एवं कार्यों के आधार पर विशिष्ट नीतियां बनाकर उन पर कार्य किया जायेगा। उन्होंने आशा व्यक्त की कि आज होने वाले मंथन से जो अमृत निकलेगा, वह अवश्य ही उत्तराखण्ड को देश का श्रेष्ठ राज्य बनाने में सहायक सिद्ध होगा।
इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक, विधायक श्री बंशीधर भगत, श्री विनोद चमोली, श्री किशोर उपाध्याय, श्रीमती सविता कपूर, विधायक एवं प्रवासी उत्तराखण्डी श्री सुरेन्द्र मैठाणी, मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, भारत सरकार में सचिव वाणिज्य श्री सुनील बर्थवाल, मेयर लखनऊ श्रीमती सुषमा खरकवाल, राजस्थान के मुख्य सचिव श्री सुधांश पंत, अभिनेत्री हिमानी शिवपुरी समेत अनेक संख्या में आये प्रवासी उत्तराखण्डी और शासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।