उत्तराखंड
भारत और नेपाल के बीच बड़े पैमाने पर तस्करी का काला कारोबार
रिर्पोट- राहुल सिंह दरम्वाल /
भारत नेपाल सीमा पर अक्सर तस्करी के माध्यम से खाद्य पदार्थों से लेकर के हर एक सामान की तस्करी अक्सर बड़े पैमाने पर की जाती है चाहे वह पेट्रोल-डीजल हो या फिर खाद्य सामग्री या फिर कृषि संबंधी समान अधिकतर सभी सामानों की तस्करी या तो भारत से नेपाल की तरफ की जाती है या फिर नेपाल से भारत में लाई जाती है धारचूला पिथौरागढ़ मुंसियारी या फिर उधम सिंह नगर चंपावत सहित नेपाल सीमा से जुड़े हुए अधिकतर हर क्षेत्र में यही तस्करी का खेल लगातार चलता रहता है
हालांकि स्थानीय पुलिस एसएसबी सहित अन्य सरकार की एजेंसियां इस तस्करी को रोकने के लिए तैनात की गई है और समय-समय पर यह सभी एजेंसियां तस्करी को रोकते हुए तस्करों को गिरफ्तार भी करती है लेकिन सीमा पर अधिकतर जनपदों में नदी के रास्ते या फिर जंगल होने के कारण से सरकारी एजेंसियां इसमें कभी-कभी ही सफल हो पाती है क्योंकि दुर्गम रास्ते पहाड़ियां नदियां और अधिकतर जंगल यहा है तस्करी का मुख्य कारण इन सभी मुख्य बिंदुओं के चलते तस्कर फायदा उठाकर अक्सर तस्करी का सामान भारत से नेपाल और नेपाल से भारत लाया करते हैं
इनके मंसूबों को कई बार स्थानीय पुलिस एसएसबी और इंटेलिजेंस के साथ ही सरकार की कई और एजेंसियां इनके मंसूबों पर कई बार पानी फेरती है समान के साथ-साथ कई बार तस्करों को भी गिरफ्तार कर चुकी है लेकिन चरम सीमा पर चल रहे तस्करी के काले कारोबार को रोकना सरकार के हाथ में पूरी तरीके से नहीं दिखाई देता अधिकतर चाहे उत्तराखंड की सीमा हो या फिर उत्तर प्रदेश या फिर भी बिहार नेपाल से लगती हुई सभी सीमाओं पर कई अन्य तरीके की भी बड़ी तस्करी की जाती है वह चाहे नशे से जुड़ी हो या फिर मानव तस्करी से इन बड़े राज्य उत्तर प्रदेश से बिहार में तो मानव तस्करी का बड़े पैमाने पर खेल किया जाता है क्योंकि नेपाल एक गरीब देश होने के साथ ही बिहार और उत्तर प्रदेश में माफियाओं के हौसले बुलंद होते हैं जो कि इन बड़े खेलों में शामिल होते हैं हालांकि कई बार भारत सरकार और प्रदेश सरकार की एजेंसियां इनके मंसूबों पर इन्हें सफल नहीं होने देती है लेकिन अक्सर यह लोग सीमाओं का फायदा उठाकर अपने तस्करी के काम को अंजाम देते रहते है ।