अल्मोड़ा
कर्नाटक खोला अल्मोड़ा ने श्रावणी उपाकर्म (रक्षाबंधन) कार्यक्रम का आयोजन किया।
Newsupdatebharat Uttarakhand almora Report Govind Rawat
अल्मोडा – भुवनेश्वर महादेव रामलीला कमेटी कर्नाटक खोला अल्मोड़ा के तत्त्वधान में श्रावणी उपाकर्म (रक्षाबंधन) कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें समस्त क्षेत्रवासी मौजूद रहे। तथा कार्यक्रम प्रधान पुरोहित डॉ गिरीश चंद्र जोशी के मार्गदर्शन में संपन्न हुआ।
रक्षाबंधन से पहले सामुहिक रूप से जनेऊ और राखियों को प्रतिष्ठित किया जाता है उसके बाद ही जनेऊ धारण किया जा सकता है। ये प्रथा कई वर्षों से चली आ रही है। समाप्त हो रही परम्परा वर्तमान में कनार्टक खोला में जीवित है।
रक्षाबन्धन एक हिन्दू व जैन त्योहार है, जो प्रतिवर्ष श्रावण मास (जुलाई-अगस्त) की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। श्रावण (सावन) में मनाये जाने के कारण इसे श्रावणी (सावनी) या सलूनो भी कहते हैं। रक्षाबंधन पर बहनें भाइयों की दाहिनी कलाई एक पवित्र धागा यानि राखी बाँधती है और उनके अच्छे स्वास्थ्य और लम्बे जीवन की कामना करती है। वहीं दूसरी तरफ भाइयों द्वारा अपनी बहनों की हर हाल में रक्षा करने का संकल्प लिया जाता है। राखी कच्चे सूत जैसे सस्ती वस्तु से लेकर रंगीन कलावे, रेशमी धागे, तथा सोने या चाँदी जैसी मँहगी वस्तु तक की हो सकती है। हालांकि रक्षाबंधन की व्यापकता इससे भी कहीं ज्यादा है। राखी बांधना सिर्फ भाई-बहन के बीच का कार्यकलाप नहीं रह गया है। राखी देश की रक्षा, पर्यावरण की रक्षा, हितों की रक्षा आदि के लिए भी बांधी जाने लगी है।