उत्तराखंड
जान जोखिम में डालकर सूखी नदी पार कर रहे हैं स्कूली बच्चे, व ग्रामीण वीडियो।
उत्तराखंड राज्य में बारिश होते ही सभी नदी, नाले, गधेरे उफान पर बहने लगते हैं। मानसून आते ही पहाड़ में रहने वाले और शहर से दूर दराज रहने वालों को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है, मानसून सीजन में जनजीवन अस्त व्यस्त हो जाता है। वहीं बारिश होते ही नैनीताल जिले के हल्द्वानी शहर के गौलापार क्षेत्र में बहने वाली सूखी नदी का जलस्तर बढ जाता है। और
इस सूखी नदी के उफान पर बहने से नदी के पार रहने वाले गाँव विजयपुर का संपर्क कट जाता है। क्योंकि अभी तक आने जाने के लिए सूखी नदी पर पुल नहीं बना है। इसलिए ग्रामीणों को गाँव से शहर और शहर से गांव आने जाने के लिए इस नदी से होकर ही गुजरना होता है।
रोज़मर्रा व मजबूरी में ग्रामीणों को उफनती नदी में आने जाने के लिए जान जोखिम में डालकर नदी को पार करना पड़ता है। सूखी नदी पहाड़ों पर थोड़ी सी बारिश क्या हुई उफान पर बहने लगती है।
वीडियो में साफ देखा जा सकता है, कि नदी उफान पर है स्कूली बच्चों के साथ-साथ ग्रामीण भी अपनी जान को दांव पर लगाकर नदी को पार कर रहे हैं। सबसे ज्यादा परेशानी स्कूल आने जाने वाले बच्चों को उठानी पड़ रही है, जहां आने जाने के दौरान नदी पार करने के लिए ग्रामीणों की मदद लेनी पड़ रही है।
यहां तक कि अगर कोई बुजुर्ग बीमार पड़ जाए तो उसको कंधे में बैठाकर नदी को पार कराना पड़ता है। ग्रामीणों का कहना है पहाड़ों पर थोड़ी सी बारिश के बाद नदी का जलस्तर बहुत बढ जाता है जिसके चलते ग्रामीणों को कई बार नदी के उस पर आने जाने के लिए घंटों इंतजार भी करना पड़ता है। ग्रामीणों का कहना है कि ब्रिटिश कालीन विजयपुर गांव में करीब 200 परिवार रहते है। ग्रामीणों द्वारा नदी पर पुल बनाए जाने की मांग को लेकर कई बार आंदोलन भी किया जा चुका है, लेकिन प्रशासन इस पर ध्यान नहीं दे रहा है।
जिसका नतीजा है कि मानसून सीजन में ग्रामीणों को तीन महीने तक फजीहत उठानी पड़ती है। यहां तक की नदी पार करने के दौरान कई बार हादसे भी हो चुके हैं, लेकिन मजबूर ग्रामीण जान जोखिम में डालकर नदी को पार करने को मजबूर हैं। ना जाने कब तक स्कूली बच्चों, ग्रामीणों को ऐसे ही जान जोखिम में डालनी पड़ेगी।