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कोरोना संक्रमण के बीच write2nirbhay संस्था बनी युवाओं के लिए एक उम्मीद

कोरोना संक्रमण के बीच जरूरतमंदों को राहत पहुचाँने के लिये कई संस्थाओं ने अपना हाथ आगे बढ़ाया साथ ही युवाओं से जुड़ी कई समस्याओं को अपने प्रयासों के कई हद तक ठीक करने का जिम्मा उठाया है

एक संस्था write2nirbhay ने एक मुहिम ही नहीं है बल्कि एक विचारधारा , एक आंदोलन है के तौर पर जरुरतमंद लोगो की हर जरूरत और युवाओं के लिये कई नए प्रयासों को पूरा करने में कोई कसर नही छोड़ी।

संस्था के अध्यक्ष निर्भय ने कहा कि मैं नहीं चाहता हूँ की कोई हमें संस्था बोले । कोरोना के समय में आप यह समझ ले write2nirbhay एक वाइरस की तरह है जिसका कोई दायरा नहीं है। फ़र्क़ सिर्फ़ इतना है की हम positive virus है । हमारे लिए धर्म का जाति का अन्य दायेरो का कोई मतलब नहीं है। हम कोई चैरिटी नहीं करना चाहते है । हम, एक समान विचारधारा के युवाओं जो कि अपने भविष्य, अपने समाज और अपने देश को एक प्रगतिशील राह पे ले चलना चाहते है, उनको साथ लाने की कोशिश कर रहे है । और हम उम्मीद कर रहे है की हमारा ये वाइरस कोरोना से भी ज़्यादा वृद्धि करे ।

उन्होंने बताया कि मैं अपनी शिक्षा लेने जब दिल्ली यूनिवर्सिटी गया तो वहाँ मैंने देखा की अनेक निर्दलीय युवा संगठन है जो की युवाओं की आवाज़ को उठाते है । जो कि यहाँ स्थानीय तौर पे अनुपस्थित थी या अगर थी भी तो वे एक गैर सरकारी संगठन के तरह काम कर रही थी जिसमें सिर्फ़ उनके पद धारकों के मुताबिक़ काम हो रहा था।
जब मैं अपनी शिक्षा पूरी करने बाद सक्रिय तौर पे अपने कॉलेज के प्रबंधन से जुड़ा तो प्रतिदिन मुझे यहाँ के युवाओं से बातचीत करने का, उनकी सोच, उनके जज़्बातों, उनकी समस्याएँ से रूबरू होने का उन्हें व्यक्तिगत रूप से समझने का अवसर प्राप्त हुया । तब मुझे अहसास हुया कि स्थानीय युवाओं में जोश और जुनून के साथ साथ एक बहुत नेक और प्रगतिशील सोच भी है जिसकी कोई संगठित आवाज़ है ।

अभी तक इस मुहिम के जरिए front line workers से लेकर दूरस्थ जंगलो में रह रहे लोगों तक भोजन की व्यवस्था की है । जो स्थानीय लोग बाहर के स्थानों में फँसे हुए थे उन्हें घर वापस लाने की व्यवस्था की । जिन लोगों को नौकरियोंसे निकाल दिया गया उनको एक साथ लाकर उनकी आवाज़ को सरकार तक पहुँचाने की कोशिश की गयी । प्रत्येक दिन जब मैं सुबह उठता हूँ तो email देखता हूँ कि आज क्या करने की आवश्यकता है । लोगों के message ही मेरे दिन का प्रोत्साहन होता है ।

विस्तार रूप से देखे तो कोरोना काल में कोरोना से प्रभावित समस्याओं पर ज़्यादा ध्यान केंद्रित किया है ।
हल्द्वानी, सितारगंज, बाजपुर,रुद्रपुर (उत्तराखण्ड)
पुलिस प्रशासन के करीब 300 कर्मियों को पूरे 1 महीने भोजन का व्यवस्था किया गया । इस विपदा के समय उनकी मेहनत और लगन का सदा आभारी रहूँगा।

सुशीला तिवारी अस्पताल में कोरोना से संक्रमित लोगो को स्वस्थ खाना और उनके घर परिवार की देख भाल की भी जिम्मेदारी निभाई।

दूरस्थ जंगलों में कई ऐसे परिवार रहते हैं जिनको अपने ज़रूरतमन्द सामग्री के लिए आज भी कई किलोमीटर सफर करना पड़ता है।मैं और मेरी टीम के दृढनिश्चय और जुनून से हमने ऐसे कई परिवारों को भिन्न प्रकार की सामग्री प्राप्त कराया ।

 

इसके साथ ही Write2Nirbhay के तहत सिडकुल में 25 से अधिक बेरोज़गार युवाओं की नौकरी का बंदोबस्त किया गया ।200 से अधिक युवाओं का नौकरी के लिए इंटरव्यू करवाया गया है । छोटे-बड़े सारे प्रयास किए जा रहे हैं ताकि लोगों को अपने घर को चलाने के लिए कुछ तो आय हो ।

उन्होंने बताया कि एक प्रोत्साहन देने वाली शुरुआत हमें मिली है अब बस पूरी लगन के साथ आगे बढ़ना है । ज़्यादा से ज़्यादा ज़रूरतमंदो की मदद करनी है , ज़्यादा से ज़्यादा समस्याओं का समाधान ढूँढने के प्रति काम करना है । write2nirbhay को मैं किसी संख्याओं के बंधन में नहीं बांधना चाहता हूँ । जैसे मैंने आपको पहले भी बताया कि हम एक पॉज़िटिव virus की तरह है जो जितना वृद्धि करेगा उतना ही ज़्यादा लोगों तक हमारे विचार और हमारे समाधान पहुँच पाएगा ।
हम चाहते है की अधिक से अधिक युवा हम se जुड़े चाहे वो कॉल से हो या ईमेल से या हमारे मुहिम का सक्रिय हिस्सा बने और एक अच्छे बदलाव लाने की शपथ ले ।

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