उत्तराखंड
उत्तराखंड का बजट ऐतिहासिक, गरीबों युवाओं और नारीशक्ति के उत्थान पर विशेष ध्यान : गणेश जोशी
देहरादून – उत्तराखंड सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए एक लाख करोड़ रुपये से अधिक का ऐतिहासिक बजट पेश किया है, जो प्रदेश के समग्र विकास और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह बजट बुनियादी ढांचे के विकास, औद्योगिक विस्तार, स्वरोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक कल्याण को प्राथमिकता देता है, जिससे उत्तराखंड को देश के अग्रणी राज्यों की श्रेणी में लाने का मार्ग प्रशस्त होगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसे जनता की आकांक्षाओं और विकास की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर बनाया गया बजट बताते हुए कहा कि यह बजट हर वर्ग के उत्थान और प्रदेश के आर्थिक सशक्तिकरण का मजबूत आधार तैयार करेगा। सरकार ने इसे “GYAN” यानी गरीब, युवा, किसान और महिलाओं के विकास के लिए समर्पित किया है।
सरकार ने प्रदेश में परिवहन और बुनियादी ढांचे के व्यापक विकास के लिए अभूतपूर्व प्रावधान किए हैं। बजट में 37 नए पुलों और लगभग 4000 किलोमीटर सड़कों के निर्माण एवं रखरखाव के लिए निधि आवंटित की गई है। जल जीवन मिशन और शहरी जल आपूर्ति को सुदृढ़ करने के लिए 2000 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है, जिससे प्रदेश के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में स्वच्छ जल की उपलब्धता सुनिश्चित होगी।
इसके अलावा, सरकार ने जमरानी, सोंग और लखवाड़ जैसी महत्वपूर्ण जल परियोजनाओं को भी प्राथमिकता दी है और इनके लिए 1000 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया गया है। इससे प्रदेश की जल आपूर्ति और सिंचाई व्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
उत्तराखंड में युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित करने और पलायन की समस्या को रोकने के लिए सरकार ने बड़े कदम उठाए हैं। स्टार्टअप्स, ग्रामीण रोजगार और जलवायु परिवर्तन की रोकथाम के लिए 500 करोड़ रुपये की निधि निर्धारित की गई है, जिससे प्रदेश में नवाचार और स्वरोजगार को बढ़ावा मिलेगा।
मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना के तहत 10 करोड़ रुपये का विशेष प्रावधान किया गया है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार और बुनियादी सुविधाओं का विकास होगा। वहीं, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के लिए 60 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है, जिससे युवा और महिलाएं आत्मनिर्भर बन सकेंगी। प्रदेश में मेगा प्रोजेक्ट्स को गति देने के लिए 600 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है, जिससे औद्योगिक विकास को मजबूती मिलेगी और बड़े स्तर पर नौकरियों के अवसर सृजित होंगे।
प्रदेश में महिलाओं और बच्चों के सशक्तिकरण के लिए सरकार ने कई महत्वाकांक्षी योजनाओं को इस बजट में शामिल किया है। नंदा गौरी योजना, मातृत्व वंदन योजना और वात्सल्य योजना जैसी योजनाओं को वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी, जिससे महिलाओं और बच्चों को सामाजिक एवं आर्थिक सुरक्षा मिलेगी।
इसके अलावा, खेल महाकुंभ के आयोजन के लिए 15 करोड़ रुपये का बजट तय किया गया है, जिससे प्रदेश के युवा खिलाड़ियों को उचित मंच और संसाधन उपलब्ध कराए जा सकें। पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन शमन के लिए 60 करोड़ रुपये की राशि निर्धारित की गई है, ताकि प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण सुनिश्चित किया जा सके।
सरकार ने प्रदेश की अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने और अधोसंरचना विकास को गति देने के लिए 14,763.13 करोड़ रुपये की पूंजीगत व्यय की व्यवस्था की है। इस बजट से प्रदेश में बड़े स्तर पर निवेश, औद्योगिक विकास और नवाचार को बढ़ावा मिलेगा, जिससे प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि होगी और राज्य की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह बजट हर वर्ग, हर क्षेत्र और हर नागरिक के उत्थान के लिए बनाया गया है। सरकार का उद्देश्य है कि प्रदेश में सतत विकास हो, ढांचागत सुधार हों और उद्योगों का विस्तार हो। यह बजट उत्तराखंड को आत्मनिर्भर बनाने और आर्थिक रूप से सशक्त करने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगा।
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