उत्तराखंड
राखी स्पेशल- उत्तराखंड में बन रही पहाड़ी संस्कृति ऐपण के माध्यम से राखियां
रामनगर – जहां एक ओर देश में पूरी धूमधाम से रक्षाबंधन राखी का पर्व भाई-बहन के अटूट प्रेम प्यार विश्वास के बीच मनाया जाएगा तो वहीं उत्तराखंड की राखियां भी अपने आप में इस वक्त पूरे देश के साथ ही साथ उत्तराखंड के कई हिस्सों में इस त्यौहार को और भी खास बनाने जा रही है
जी हां इस बार की राखी में ( संस्कृति पहाड़ी ऐपण ) के द्वारा राखियों को बनाया जा रहा है जिसमें एक दर्जन भर लड़कियां कार्य कर रही है इस ग्रुप को चेतना रावत जोकि रामनगर के एक छोटे से गांव गैबूआ की रहने वाली है वह बखूबी अपनी सहेलियों के साथ मिलकर इस कार्य को पूरा कर रही हैं चेतना अपनी पढ़ाई के साथ-सथ घर के कामकाज और उत्तराखंड की संस्कृति को बचाने का भरपूर प्रयास करती रहती है ।
समय-समय पर जो भी त्यौहार आते हैं उनके लिए वह उत्तराखंड की संस्कृति से जुड़े हुए कला ऐपण के माध्यम से तरह-तरह के चीजें और नए-नए समान तैयार करते हैं इस वक्त रक्षाबंधन के मौके पर भी संस्कृति पहाड़ी एर्पण के माध्यम से भाइयों के हाथों को सजाने के लिए बहनों के प्यार को और भी गहरा बनाते हुए ऐपण संस्कृति के माध्यम से राखियां तैयार कर रहे हैं ।
इन राखियों में भाई , भैया , दादी , पापा , मां , दाज्यू जैसे अनेक प्रकार से परिवार में हम अपने बड़े बुजुर्ग या छोटे भाई बहनों और परिवार के सदस्यों को प्यार के नामों से पुकारा जाता है उन सभी नामों से इस राखी को बनाया गया है उन नामो में इन सभी नामों का वर्णन किया गया है ।
चेतना रावत के द्वारा बताया गया कि ऑनलाइन ऑर्डर के साथ ही साथ आसपास के क्षेत्रों और लोकल दुकानदार भी उनसे इन राखियों को मंगवा रहे हैं चेतना ने इससे पहले भी दीपावली के त्यौहार के साथ-साथ अन्य त्यौहार और उत्तराखंड से जुड़े हुए तीज त्योहारों पर भी उत्तराखंड की संस्कृति को बढ़ाने और साथ ही साथ लोगों को इससे जोड़ने का भरपूर प्रयास करती रहती है बीच-बीच में अलग-अलग तरह से कई गांवों में जाकर वर्कशॉप भी लगाई जाती है जिसमें चेतना रावत और उनकी पूरी टीम के द्वारा अन्य महिलाओं को कला ऐपण के बारे में बताया जाता है सिखाया जाता है और साथ ही साथ उन महिलाओं को रोजगार से भी जोड़ा जाता है जो घर में अकेली बेरोजगार महिलाएं किसी व्यवसाय से नहीं जुड़ी होती है उन्हें भी कला ऐपण के माध्यम से जोड़ा जाता है ।
पूरे देश में राखी का त्यौहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है जिसमें बहन भाई की कलाई पर राखी बाधकर जहां अपने भाई के लंबे जीवन की प्रार्थना और उसकी सुरक्षा की कामना करती है तो वही अपने भाई से अपनी रक्षा और पूरे परिवार की रक्षा के लिए भी प्रार्थना करती है यह त्यौहार देश में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है हर बहन अपने भाई तक या फिर भाई अपनी बहन तक पहुंचने का प्रयास करता है और जो भाई या बहन किसी कारणवश एक दूसरे तक नहीं पहुंच पाते तो वह तोहफे के तौर पर राखी को पोस्ट ऑफिस कोरियर या फिर अन्य माध्यमों से अपने भाई बहन तक भेजने का प्रयास करते हैं और यह भी सुनिश्चित करते हैं कि राखी से पहले उनके भाइयों तक उनका स्नेह प्रेम से भरी हुई राखियां भाई के पते तक पहुंच जाए इतना ही नहीं यह त्योहार के चलते कई बार लंबी दूरी को भी तय करते हुए भाई और बहन एक दूसरे तक पहुंचने का प्रयास करते हैं पूरे साल भर रक्षाबंधन के त्यौहार का भाई-बहन इंतजार करते हैं ।