उत्तराखंड
परेशान दंपति के लिए माता-पिता बना हुआ आसान, हल्द्वानी में खुला आधुनिक IVF सेंटर
सीड्स ऑफ़ इनोसेंस का सेंटर हल्द्वानी में ख़ुल चुका है, कुमाऊं के अलग अलग जगहों में लोंगो की परेशानी को देखते हुए सीड्स ऑफ़ इनोसेंस ने ये फैसला लिया, सीड्स ऑफ़ इनोसेंस सेंटर के उद्घाटन में सांसद अजय भट्ट, स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत मौजूद रहे।
सीड्स ऑफ़ इनोसेंस प्रजनन चिकित्सा विशेषज्ञों की एक टीम है जो इन विट्रो फ़र्टिलाइज़ेशन IVF और जनन-शक्ति केंद्रों की एक सीरीज है, इसके अंतर्गत भ्रूणविज्ञानी, एंड्रोलॉजिस्ट, और अनुभवी डॉक्टर शामिल हैं जिनका काम और लोंगो को इंफ़र्टिलिटी से उबारने और सफल गर्भावस्था कायम करना है।
सीड्स ऑफ़ इनोसेंस के केंद्र देश के आठ राज्यों में चल रहे हैं, सीड्स ऑफ़ इनोसेंस का सेंटर हल्द्वानी में खुलने से उन लोगों को राहत मिलेगी जो इलाज के लिए दिल्ली NCR और अन्य शहरों के चक्कर लगाते थे, सीड्स ऑफ़ इनोसेंस सेंटर के हल्द्वानी में खुलने से अब माता-पिता बनना आसान हुआ है।
सीड्स ऑफ इनोसेंस की डायरेक्टर गौरी अग्रवाल ने कुमाऊं क्षेत्र के हल्द्वानी में सेंटर खोले जाने पर कहा कि उनके लगभग 30 सेंटर पूरे देश में अभी चल रहे हैं, यह हिंदुस्तान का पहला ऐसा जेनेटिक सेंटर है जो सिर्फ बच्चा पैदा करने पर नहीं बल्कि एक स्वस्थ बच्चा पैदा करवाने पर विशेष ध्यान देता है,
उन्होंने कहा कि जिन लोगों के आईवीएफ फेल हो चुके हैं या जिनकी उम्र ज्यादा हो चुकी है लेकिन बच्चा पैदा नहीं हो रहा है उनकी जेनेटिक जांच व भ्रूण जांच के बाद बच्चा पैदा किये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड से बड़ी संख्या में लोग दिल्ली और गाजियाबाद उनके पास इलाज के लिए पहुंचते हैं, लोगों की परेशानी को समझते हुए उन्होंने हल्द्वानी में यह सेंटर शुरू किया गया है, जो भी लोग संतान उत्पत्ति के लिए परेशान है। वह सेन्टर आएं अपना इलाज कराएं पैसों की बिल्कुल चिंता ना करें।
डॉ. धन सिंह रावत ने बांझपन और उसके उपचार के प्रति जागरूकता बढ़ाने में सीड्स ऑफ इनोसेंस की सराहना करते हुए कहा, “यह नया केंद्र बांझपन से संबंधित चिंताओं के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
इस मौके पर बीजेपी सांसद अजय भट्ट ने कहा की इस केंद्र के खुलने से कुमाऊं के उन लोगों को राहत मिलेगी जो दम्पत्ति अब तक माता पिता बनने के सुख से वंचित रह गए हैं, यह सेंटर ऐसे लोगों के लिए एक वरदान साबित होगा, जो माता-पिता बनने का सपना संजोए हुए तो हैं लेकिन इस सुखद एहसास से वंचित हैं।