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उत्तराखंड

उत्तराखंड कैबिनेट की बैठक में लिये गये महत्वपूर्ण निर्णय, पढ़िए सभी निर्णय विस्तारपूर्वक

लोक निर्माण विभाग के चारधाम यात्रा मार्ग पर स्थित ऐसे 03 (देवली बगड़, पाखी जलग्वार एवं गुलर) अनुपयोगी ( Abandoned ) पुलों जोकि वर्तमान में आवागमन हेतु उपयोग में नहीं हैं, किन्तु वर्तमान में ठीक स्थिति में है, उनको पर्यटन की दृष्टि से फूड स्टेशन / टॉयलेट / रेस्टोरेन्ट आदि के रूप में उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद के माध्यम से Wayside amenities के रूप में विकसित किये जाने हेतु अनुमोदन प्रदान किया गया, जिससे कि चारधाम यात्रा में आने वाले यात्रियों को सुविधा तथा राज्य को राजस्व प्राप्ति भी होगी।

उत्तराखण्ड अग्निशमन एवं आपात सेवा विभाग

उत्तराखण्ड अग्निशमन एवं आपात सेवा विभागान्तर्गत फायर स्टेशन हेतु वाहन / मशीनरी / उपकरण के मानकों में संशोधन के सम्बन्ध में निर्णय

प्रस्तावः- शासनादेश संख्याः 126741 / XX-3/2023-03 (फायर)/2005, टी०सी०. दिनांक 01-06-2023 द्वारा फायर स्टेशन हेतु 07 श्रेणियों में निर्धारित किये गये वाहन / मशीनरी / उपकरण के मानकों के अन्तर्गत मैदानी जनपदों के मुख्यालय में अग्निकाण्ड की अधिकता एवं अतिविशिष्ट महानुभावों का आवागमन के दृष्टिगत मैदानी जनपदों के मुख्यालय के फायर स्टेशन हेतु 01 अतिरिक्त वाटर/ फोम टैण्डर / बाउजर की स्वीकृति तथा साथ ही विधानसभा भवन / राजभवन / मा० मुख्यमंत्री आवास / महा0 राष्ट्रपति आशियाना सचिवालय / महत्वपूर्ण राजकीय मुख्यालय / फायर /आपदा रिस्क वाले क्षेत्र आदि में अग्निसुरक्षा व्यवस्था हेतु ऐसे उपरोक्त विशेष फायर रिस्क वाले क्षेत्र में 01-01 अतिरिक्त फोम टैण्डर एवं वाटर बाउजर की स्वीकृति सम्बन्धी प्रस्ताव पर मंत्रिमण्डल द्वारा अनुमोदन प्रदान किया गया है।

गृह (कारागार) विभाग, गृह अनुभाग-2 उत्तराखण्ड शासन

उत्तराखण्ड राज्य हेतु मॉडल प्रिजन मैनुअल (उत्तराखण्ड कारागार नियमावली 2023) बनाये जाने के सम्बंध में निर्णय

भारत सरकार द्वारा मॉडल प्रिजन मैनुअल, 2016 का ड्राफ्ट तैयार करते हुए सभी राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेश को संसूचित कर भारत सरकार के मॉडल प्रिजन मैनुअल, 2016 को अपने-अपने राज्यों के परिप्रेक्ष्य में संशोधित करते हुए राज्य का प्रिजन मैनुअल गठित किये जाने की अपेक्षा की गयी है।

भारत सरकार के मॉडल प्रिजन मैनुअल, 2016 के आधार पर उत्तराखण्ड राज्य हेतु मॉडल प्रिजन मैनुअल (उत्तराखण्ड कारागार नियमावली, 2023) गठित किये जाने का निर्णय लिया गया है, जिसमें कारागार विभाग से सम्बन्धित विभिन्न प्राविधान यथा कारागार प्रशासन एवं सुधार संस्था के कार्य, बन्दियों की रहने की व्यवस्था, संस्थान की संरचना, कारागार अधिकारियों / स्टाफ की ड्यूटी, कारागार प्रशासन में तकनीकी व्यवस्था, बन्दियों का प्रवेश, स्थानान्तरण व मुक्ति, बन्दियों का वर्गीकरण, कुख्यात / आदतन / उच्च जोखिम वाले बन्दियों / अपराधियों से समाज की रक्षा, महिला बंदी व उनके बच्चों से सम्बन्धित प्राविधान, ट्रान्सजेण्डर बंदियों के प्राविधान, बन्दियों की अभिरक्षा व सुरक्षा, कारागार अनुशासन, स्वास्थ्य सम्बन्धी सुविधा, बन्दियों के कल्याण कार्यक्रम, सजा में छूट / परिहार / समयपूर्व मुक्ति, बन्दियों का पुनर्वास इत्यादि विषय सम्मिलित है।

वित्त विभाग

उत्तराखण्ड सचिवालय से इतर अधीनस्थ कार्यालयों के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को वर्दी भत्ता अनुमन्य किये जाने को लेकर निर्णय

उत्तराखण्ड सचिवालय से इतर अधीनस्थ कार्यालयों के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को 02 वर्ष तथा 04 वर्ष पर अनुमन्य ग्रीष्मकालीन तथा शीतकालीन वर्दी तथा उनकी दरों का निर्धारण वर्ष 2011 में किया गया था । चतुर्थ वर्गीय राज्य कर्मचारी महासंघ द्वारा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को अनुमन्य वर्दी बाजार भाव से दिये जाने तथा सिलाई की दरों में बढ़ोत्तरी किये जाने के निरन्तर मांग के क्रम में उत्तराखण्ड सचिवालय से इतर अधीनस्थ कार्यालयों के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की वर्दी के लिए निर्धारित व्यवस्था को समाप्त करते हुए उत्तराखण्ड सचिवालय से इतर अधीनस्थ कार्यालयों के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को प्रतिवर्ष रू0 2,400 /- (रू० दो हजार चार सौ मात्र) वर्दी भत्ता अनुमन्य किये जाने का निर्णय लिया गया है। इससे राज्य में कार्यरत 35000 चतुर्थ श्रेणी कार्मिक लाभन्वित होंगे।

जलागम

जलागम निदेशालय के अंतर्गत राज्य स्तरीय Spring and River Rejuvenation Authority (SARRA) की स्थापना एवं पदों की संरचना के सम्बन्ध में निर्णय

प्रदेश स्तर पर वर्षा जल संग्रहण तकनीकों यथा चेकडैम आदि तथा द्वारा नौला एवं नदियों के संरक्षण एवं पुनरुद्धार कार्यों हेतु विभिन्न विभागों द्वारा किये जा रहे कार्यों को समेकित रूप से क्रियान्वित किये जाने की आवश्यकता के दृष्टिगत जलागम प्रबन्ध निदेशालय के अंतर्गत राज्य स्तरीय स्प्रिंग एवं रिवर रिजुवेनेशन अथॉरिटी (SARRA) को सोसायटी रजिस्ट्रेशन एक्ट 1860 के अन्तर्गत सोसायटी के रूप में पंजीकृत किया जायेगा। इस हेतु कुल 195 विभिन्न पदों की संरचना की गई है। SARRA के अन्तर्गत विभिन्न स्तरों पर निम्नलिखित 04 समितियों का गठन किया जा रहा है

(1) उच्चाधिकार प्राप्त समिति (HPC)- मुख्य सचिव, उत्तराखण्ड शासन की अध्यक्षता में गठित की जायेगी। यह समिति इससे सम्बन्धित योजनाओं के नियोजन, स्वीकृति, कियान्वयन एवं समन्वय आदि समस्त कार्यों के निष्पादन हेतु मार्गदर्शी सिद्धातों के निरूपण को अनुमोदित करेगी।
(2) राज्य स्तरीय कार्यकारी समितिः- यह समिति अपर मुख्य सचिव / प्रमुख सचिव / राचिव, जलागम प्रबन्धन की अध्यक्षता में गठित की जायेगी। यह समिति प्रदेश स्तर पर वर्षा जल संग्रहण तकनीक यथा चेकडैम आदि तथा धारा नौला एवं नदियों के संरक्षण एवं पुनरूद्धार कार्यों हेतु वार्षिक कार्य योजना पर HPC की संस्तुति प्राप्त करेगी ।
(3) जिला स्तरीय कार्यकारी समितिः- यह समिति जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित की जायेगी तथा राज्य स्तरीय एजेंसी के साथ समन्वय में कार्य करेगी और आवश्यकता अनुसार Critical Gap Funding की स्वीकृति एवं अनुशंसा राज्य स्तर हेतु करेगी ।
(4) धारा नौला संरक्षण समितिः- यह समिति प्रधान, ग्राम पंचायत की अध्यक्षता में गठित की जायेगी। यह समिति वर्षा जल संग्रहण तकनीकों यथा चेकडैम आदि के माध्यम से स्प्रिंग उपचार एवं नदियों के उपचार की आवश्यकता एवं इनके सत्त प्रबन्धन के सम्बन्ध में स्थानीय समुदाय को जागरूक कराने के लिए नियमित रूप से बैठकें और प्रशिक्षण आयोजित कराएगी।

आपदा प्रबंधन

जलवायु परिवर्तन के कारण आपदाओं की बारम्बारता व तीक्ष्णता में हो रही वृद्धि के कारण अन्य के अतिरिक्त विशेष रूप से विश्वभर के हिमालयी क्षेत्रों के उच्च घातकता वाले समुदायों के जीवन की गुणवत्ता पर अत्यन्त प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। प्राकृतिक आपदाओं के कारण वर्षों की कड़ी मेहनत से विकसित अवसंरचनायें पलभर में नष्ट हो जाती हैं और साथ ही प्रभावित जन समुदाय के जीवन की गुणवत्ता पर भी अत्यन्त प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। साथ ही साथ सार्वजनिक / विभागीय परिम्पत्तियों की पुनर्निर्माण में लम्बा समय भी लगता है। इसके अतिरिक्त आपदा प्रभावित समुदाय की मनोवैज्ञानिक स्थिति पर भी अत्यन्त प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इन चुनौतियों का सामना करने के लिए अभिनव दृष्टिकोणों, प्रयासों, स्थानीय समुदाय की भागीदारी और विकास योजनाओं में आपदा जोखिम न्यूनीकरण और जलवायु प्रतिरोध्यता को समावेशित किये जाने की आवश्यकता के दृष्टिगत उत्तराखण्ड राज्य में 6वें विश्व आपदा प्रबन्धन महासम्मेलन 6th World Congress on Disaster Management, (WCDM) के आयोजन किये जाने का प्रस्ताव पर मा० मंत्रिमण्डल द्वारा सहमति प्रदान कर दी गयी है। जिसके आयोजन हेतु राज्य आपदा मोचन निधि (SDRF) से रु0 8.95 करोड़ + GST अतिरिक्त व्यय किया जायेगा।

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