उत्तराखंड
उत्तराखंड का ऐतिहासिक बजट 2025-26: आत्मनिर्भर राज्य की दिशा में बड़ा कदम
देहरादून – उत्तराखंड सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए एक लाख करोड़ रुपये से अधिक का ऐतिहासिक बजट पेश किया है, जो प्रदेश के समावेशी विकास और आत्मनिर्भरता की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। यह बजट प्रदेश को देश के अग्रणी राज्यों में शामिल करने की मजबूत नींव रखता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में यह बजट राज्य के आर्थिक विकास को नई ऊंचाइयों तक ले जाने का रोडमैप प्रस्तुत करता है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बजट को जनहितैषी और समग्र विकास का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार जो वादा करती है, उसे पूरा भी करती है। सरकार ने इस बजट को “GYAN” यानी गरीब, युवा, किसान और महिलाओं को समर्पित किया है। इसमें कृषि, उद्योग, ऊर्जा, पर्यटन, आयुष, अधोसंरचना और कनेक्टिविटी पर विशेष ध्यान दिया गया है, जिससे प्रदेश में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।
प्रदेश में सड़क और पुलों के निर्माण एवं रखरखाव के लिए महत्वपूर्ण प्रावधान किए गए हैं। बजट में 37 नए पुलों और लगभग 4000 किलोमीटर सड़कों के निर्माण के लिए धनराशि आवंटित की गई है। वहीं, जल जीवन मिशन और शहरी जल आपूर्ति को सशक्त करने के लिए 2000 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।
सरकार ने प्रदेश की जल परियोजनाओं को भी प्राथमिकता दी है। जमरानी, सोंग और लखवाड़ जैसी महत्वपूर्ण परियोजनाओं के लिए 1000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। इसके अलावा, स्टार्टअप्स, ग्रामीण रोजगार और जलवायु परिवर्तन की रोकथाम के लिए 500 करोड़ रुपये की निधि निर्धारित की गई है, जिससे प्रदेश में स्वरोजगार और नवाचार को बढ़ावा मिलेगा।
बजट में महिलाओं और बच्चों के कल्याण के लिए भी विशेष प्रावधान किए गए हैं। नंदा गौरी योजना, मातृत्व वंदन योजना और वात्सल्य योजना जैसी योजनाओं को वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी, जिससे महिलाओं और बच्चों को सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा मिलेगी। पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन शमन के लिए 60 करोड़ रुपये की राशि निर्धारित की गई है, जबकि खेल महाकुंभ के आयोजन के लिए 15 करोड़ रुपये का बजट तय किया गया है।
प्रदेश में पलायन रोकने और स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना के तहत 10 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। वहीं, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत 60 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है, जिससे युवा आत्मनिर्भर बन सकें। प्रदेश में मेगा प्रोजेक्ट्स को गति देने के लिए 600 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है, जिससे उद्योगों का विस्तार होगा और रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।
सरकार ने अवस्थापना निर्माण (इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट) के तहत 14,763.13 करोड़ रुपये की पूंजीगत व्यय की व्यवस्था की है, जिससे प्रदेश में बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचे का विकास होगा। इससे राज्य की अर्थव्यवस्था को नई ऊर्जा मिलेगी और प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि होगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह बजट प्रदेश के हर वर्ग और हर क्षेत्र को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। सरकार का उद्देश्य है कि प्रदेश में सतत विकास हो, ढांचागत सुधार हों और उद्योगों का विस्तार किया जाए। यह बजट उत्तराखंड को आत्मनिर्भर बनाने और आर्थिक रूप से सशक्त करने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगा।
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